मंडी अधिकारी-कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित हाे गई है। 11 दिन से बंद कृषि उपज व सब्जी मंडी मंगलवार काे दोबारा खुलेगी लेकिन व्यापारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल होने से नीलामी और खरीदी-बिक्री नहीं। किसानों को मंडी के बाहर कम दामों पर ही उपज व्यापारियों को बेचना पड़ेगी। हड़ताल के दाैरान मंडी समिति को करीब 66 लाख रु. मंडी टैक्स का नुकसान हुआ है। व्यापारियों की हड़ताल से खरीदी नहीं होने से नुकसान का आंकड़ा और बढ़ेगा।
मंडी मॉडल एक्ट के विरोध में 25 सितंबर से जारी अधिकारी-कर्मचारियों की हड़ताल सोमवार को कृषि मंत्री के आश्वासन बाद दूसरी बार स्थगित हो गई। मांगें पूरी नहीं होेने पर पहले अधिकारी-कर्मचारी 25 सितंबर से 1 अक्टूबर तक हड़ताल पर थे बाद में 2 अक्टूबर से क्रमिक भूख हड़ताल पर चले गए। सोमवार को कृषि मंत्री ने एक्ट में संशोधन करने का मौखिक आश्वासन दिया, इसके बाद प्रदेशभर के अधिकारी-कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित कर दी।
इधर मंडी टैक्स कम करने, निराश्रित शुल्क व अनुज्ञा पत्र पूरी तरह से बंद करने को लेकर मंडी क्रेता विक्रेता संघ के व्यापारी 24 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। मंगलवार से मंडी के अधिकारी-कर्मचारी तो काम पर लौटेंगे लेकिन व्यापारियों के हड़ताल पर रहने से मंडी में किसी प्रकार की नीलामी व खरीदी-बिक्री नहीं हो सकेगी।
7 हजार 200 क्विंटल अनाज की रोज हो रही थी आवक
कृषि उपज मंडी में सीजन में प्रतिदिन 6 हजार क्विंटल सोयाबीन, गेहूं की आवक 1200 क्विंटल की आवक थी। मंडी समिति के अनुसार हर दिन व्यापारियों से पांच से छह लाख रु. मंडी टैक्स के रूप में आय होती थी। हड़ताल से करीब 66 लाख रु. के राजस्व का नुकसान मंडी को हुआ है। मंडी समिति को हर साल करीब 15 करोड़ रु. की आय टैक्स से ही होती है। इसीसे प्रतिमाह 25 लाख रु. वेतन 70 कर्मचारियों को बांटा जाता है।
अनुज्ञा पूरी तरह खत्म करने पर अड़े व्यापारी
मंडी कर्मचारियों ने तो कृषि मंत्री के आश्वासन पर हड़ताल खत्म कर दी लेकिन व्यापारी मंडी टैक्स को प्रति सैकड़ा 1.70 रु. से 50 पैसे करने, निराश्रित शुल्क व अनुज्ञा पत्र प्रक्रिया को पूरी तरह खत्म करने पर अड़े हैं। वे 12 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। क्रेता-विक्रेता संघ के सचिव अतुल अग्रवाल ने बताया जब तक मांगों पर विचार नहीं किया जाता तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
उपज लेकर मंडी ना आएं किसान, नहीं होगी नीलामी
कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है लेकिन मंडी के व्यापारी अब भी हड़ताल पर हैं। ऐसे में मंडी में नीलामी एवं खरीदी-बिक्री का कार्य बंद रहेगा। किसान अपनी उपज मंडी पूरी तरह खुलने के बाद ही लाएं।
नारायण दशोरे, प्रभारी, कृषि उपज मंडी
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