दिल्ली-मुंबई के बीच बन रहा 8 लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण लेट हो सकता है। वजह अनास नदी के पास जमीन अधिग्रहण नहीं हो पाना है। यहां के किसानों ने जमीन देने से साफ इनकार कर दिया है। किसानों का कहना है हमें रोड नहीं चाहिए इसलिए हम अपनी जमीन नहीं देंगे। अब कंपनी के अधिकारी किसानों को मनाने में जुटे हैं ताकि जमीन का अधिग्रहण हो सके और एक्सप्रेस वे का काम समय पर पूरा हो सके। यदि जल्द जमीन का अधिग्रहण नहीं होता है तो केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट लेट हो सकता है। इससे यह प्रोजेक्ट वर्ष 2022 की जगह वर्ष 2023 तक पूरा होगा। जबकि इसकी डेडलाइन दिसंबर 2022 तक है और कंपनी को इससे डेडलाइन तक किसी भी हालत में पूरा करना है।
जावरा और रावटी में सड़क के बेसमेंट को तैयार करने का काम शुरू किया
जावरा और रावटी की तरफ कंपनी ने निर्माण कार्य कर रही है। इन दोनों स्थानों पर सड़क के लिए बेसमेंट तैयार किया जा रहा है। काम में तेजी लाने के लिए अब रतलाम के पास धामनोद में काम शुरू होगा। इसके लिए कंपनी ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए निर्माण सामग्री एकत्रित की जा रही है और मशीनें लगाई जा रही हैं ताकि नवरात्रि से यहां काम शुरू किया जा सके। यहां से रावटी और जावरा तक सड़क का काम किया जाएगा।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की स्थिति
- रतलाम में 75 किलोमीटर क्षेत्र में यह गुजर रहा है।
- पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ था काम।
- रतलाम में 252 हेक्टर जमीन अधिग्रहित की गई है।
- इसके एवज में किसानों को 300 करोड़ का मुआवजा बंटना है। इसमें से 90 फीसदी मुआवजा बंट चुका है।
- जावरा क्षेत्र में बेसमेंट का काम पूरा करने के बाद कंपनी ने रोड बनाना शुरू कर दिया है।
- दिसंबर 2022 तक रोड पूरा करने की गाइडलाइन है।
समय पर काम पूरा कर लेंगे
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक रविंद्र गुप्ता ने बताया जहां भी समस्या आ रही है वहां उन्हें दूर किया जा रहा है। दिसंबर 2022 तक की डेडलाइन है। इसके लिए हम तेजी से काम कर रहे हैं। रतलाम के धामनोद से भी हम नवरात्रि से काम शुरू कर देंगे
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