शनिवार दोपहर में वन्य प्राणियों व पर्यावरण के संरक्षण का कार्य करने वाले पर्यावरणविद आदिल खान को सूचना मिली की सारनी के पास बाकुड़ गांव में एक हरा गिरगिट मिला है। जिस पर आदिल ने वन विभाग को सूचित किया और बाकुड़ गांव पहुंचे। गांव के एक युवक ने गिरगिट को बंदी बना रखा था।
गिरगिट की दुम टूटी हुई थी और उसे रस्सी से बांध रखा था, युवक उसे पालने की जिद पर अड़ा था। जिस पर मेनका संजय गांधी के संगठन पीपल फॉर एनीमल्स, यूनिट सारनी के अध्यक्ष आदिल खान ने युवक को समझाइश देते हुए बताया कि यह इंडियन केमेलियन है, वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के अंतर्गत इसे पालना गैरकानूनी है। यह एक वन्य जीव है और जंगल ही इसका घर है। आदिल ने युवक को समझाया की यह घायल अवस्था में है, जिस वजह से इसको प्राथमिक उपचार देना आवश्यक है अन्यथा इसकी मृत्यु भी हो सकती है। जिसके बाद युवक ने केमेलियन आदिल के सुपुर्द कर दिया। केमेलियन का रेस्क्यू करने के बाद आदिल खान ने सारनी रेंजर विजय बारस्कर को संपूर्ण मामले की जानकारी दी। इसके बाद वन विभाग की देखरेख में इंडियन केमेलियन को प्राथमिक उपचार दिया और शाम को आदिल ने केमेलियन के लिए उपयुक्त स्थान ढूंढकर सतपुड़ा के घने जंगलों में उसे छोड़ दिया। आदिल ने बताया केमेलियन हरा, बड़ा गिरगिट होते हैं जो घने जंगलों में रहते हैं और जरूरत के हिसाब से रंग बदलने में माहिर होते हैं। इनके शरीर की बनावट अन्य आम गिरगिटों से अलग होती है। इनकी बड़ी जीभ होती है, जिसकी मदद से ये अपने से थोड़ी दूरी पर बैठे कीड़ाें का शिकार करते हैं। इसकी आंखें सामान्य जीवों से बिल्कुल अलग हैं, इसकी दोनों आंखें अलग-अलग ऐंगल पर 360 डिग्री तक घूम सकती हैं। यानि यह एक आंख से आगे और एक आंख से पीछे की ओर देख सकता है। ये बेहद शांत होते हैं, पेड़-पौधों व झाड़ियों में रहते हैं।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mUwknD September 28, 2020 at 04:56AM https://ift.tt/1PKwoAf
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