इंदाैर के ग्रेटर कैलाश अस्पताल में शवाें की अदला-बदली का मामला सामने आया है। यहां भर्ती खंडवा के बर्तन व्यवसायी की कैंसर से शुक्रवार रात माैत हाे गई। अस्पताल प्रबंधन ने शव काे बैग में पैक कर परिजन काे दे दिया। वे शव लेकर खंडवा के लिए रवाना हुए। इंदाैर से 70 किमी तक आ गए तभी अस्पताल से फाेन आया कि आपकाे काेराेना पाॅजिटिव का शव दे दिया है। आप वापस आओ। काेराेना पाॅजिटिव का शव लाैटाकर अपने परिजन की बाॅडी ले जाओ। इस पर परिजन आक्राेशित हाे गए। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार ली। इधर, परिजन बर्तन व्यवसायी का शव लेकर शाम काे खंडवा पहुंचे और करीब 5.30 बजे अंतिम संस्कार किया।
शहर के बर्तन व्यवसायी गेंदालाल राठौर (60) निवासी आनंद नगर की शुक्रवार रात इंदौर के ग्रेटर कैलाश अस्पताल में मौत हो गई। बेटे नितिन को अस्पताल प्रबंधन ने शनिवार सुबह शव को कोविड की गाइडलाइन अनुसार पैक करके सौंप दिया। इस दौरान शव को खोलकर देखने से मना किया था। अंतिम संस्कार का समय दोपहर 12 बजे तय करने पर रिश्तेदार व दोस्तों की घर पर भीड़ लग गई थी।
संक्रमित के परिजनों ने लगाई गुहार
शव लेकर इंदौर से 70 किमी दूर ग्राम दौड़वा तक आ गए। अस्पताल से नितिन के मोबाइल पर फोन आया कि जो शव आपको सौंपा है, वह महू के कोरोना पॉजिटिव मरीज टेडी सैम्युअल का है। शव देने में गलती हो गई है, आप वापस लेकर आ जाओ। शव लेकर नितिन वापस इंदौर की जाने लगा। इस दौरान उसे बड़वाह के पास रुकने के लिए कहा गया। पॉजिटिव मरीज के परिजन ने भी नितिन से गुहार लगाई कि आप शव लेकर आ जाए। दोपहर 12 से 3 बजे तक शव लेकर बड़वाह से 7 किमी दूर इंतजार करते रहे। यहां शवों की अदला-बदली की गई।
रिपोर्ट निगेटिव, फिर भी भर्ती किया
मृतक गेंदालाल की खड़कपुरा में बर्तन की दुकान है। सांस लेने में तकलीफ होने पर 4 दिन पहले इलाज के लिए ग्रेटर कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया था। नितिन ने मुताबिक उन्हें लंग्स कैंसर था। उनकी कोरोना जांच में निगेटिव रिपोर्ट आई थी। फिर भी उन्हें कोरोना सस्पेक्ट मानते हुए आईसीयू में बेवजह भर्ती किया।
कौनसी बॉडी किसकी नहीं पता
बड़वाह से 7 किमी दूर ग्राम खोड़ी के पास दोपहर 1.30 बजे दोनों शवों की अदला-बदली हुई। अस्पताल के कर्मचारियों को एंबुलेंस से शव बाहर निकालकर रखना भी नहीं आ रहा था। इस पर मृतकों के परिजन कर्मचारियों पर जमकर नाराज हुए।
संक्रमित बनाने में कसर नहीं छोड़ी
नितिन ने बताया पिताजी की दो बार कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना सस्पेक्ट मान इलाज में भी लापरवाही की है। अस्पताल संचालक डॉ. अनिल बंडी भी गलती मान रहे हैं, लेकिन ये अमानवीय हरकत है। अस्पताल प्रबंधन ने पाॅजिटिव साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करूंगा।
निमाड़ में अब तक 119 मौतें, सबसे ज्यादा खरगोन में 41, खंडवा में 33
बेकाबू : कोरोना वार्ड में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों की कमी, सात की जरूरत, केवल 3 मेडिसिन डॉक्टर कर रहे ड्यूटी
भास्कर संवाददाता | खंडवा
बेकाबू हाेते काेराेना वायरस के कारण निमाड़ में अब तक 119 मरीजाें की माैत हाे चुकी है। ये आंकड़ा कहां जाकर रुकेगा, किसी काे नहीं मालूम। काेराेना से सबसे ज्यादा माैतें खरगाेन जिले में हुई है। यहां अब तक 3175 संक्रमित पाए गए, जिनमें से 41 मरीज काेराेना से हार गए। इसी तरह खंडवा में 1472 संक्रमिताें में से अब तक 33 की माैत हाे चुकी है। बुरहानपुर में 25 अाैर बड़वानी में अब तक 20 मरीजाें की माैत हाे चुकी है। यह आंकड़ा अप्रैल से 26 सितंबर के बीच का है।
खंडवा जिला अस्पताल की बात करें ताे यहां के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में पिछले तीन दिनों में चार संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। कोरोना काल में यह पहला मौका जब एक साथ तीन दिन में चार संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। जिला अस्पताल में कोरोना वार्ड की कमान संभालने वाले मेडिकल कॉलेज प्रबंधन डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं कर पा रहा है। कोरोना वार्ड में राउंड द क्लॉक एक शिफ्ट में कम से कम दो एमडी मेडिसिन, दो एनेस्थिसिया और दो चेस्ट फिजिशियन डॉक्टर मरीजों की जांच के लिए होने चाहिए, लेकिन अस्पताल में स्टाफ नहीं है। मेडिसिन में केवल तीन ही डॉक्टर है। वहीं मेडिकल कॉलेज के चेस्ट फिजिशियन के इस्तीफा देने से यहां पर संख्या जीरो हो गई। जिसे अब जिला अस्पताल के एक मात्र चेस्ट फिजिशियन से इलाज के नाम पर काम चलाया जा रहा है। एनेस्थिसिया में भी स्थिति ठीक नहीं है। एनेस्थिसिया की दो डॉक्टर भी कॉलेज छोड़ने का मन बना चुके हैं।
कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा, शहर से लेकर गांव तक में मिल रहे कोरोना पॉजिटिव
1 से 26 सितंबर के बीच पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 510 पर पहुंच गया। कोरोना संक्रमित मरीज अब किसी एक चिन्हित वार्ड, कॉलोनी-मोहल्ला या गांव से नहीं बल्कि जिले में खंडवा शहर सहित हर कस्बे व गांव से आ रहे हैं। इन मरीजों में कोरोना का संक्रमण कहां से आया अब इस स्थिति का पता नहीं चल पा रहा है। जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ.योगश शर्मा कहते हैं मरीजों के पॉजिटिव होने की हिस्ट्री न मिलना कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे की ओर इशारा कर रही है। क्योंकि अब बाजार सहित परिवहन की सभी सुविधाएं खुल चुकी हैं। लोगों का एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना शुरू हो चुका है।
लोग खुद कर रहे अपने व परिवार के शरीर में ऑक्सीजन की जांच
इधर, सर्दी-खांसी, बुखार व कफ के मरीजों को डॉक्टर क्लीनिक में नहीं देख रहे हैं। डॉक्टर ऐसे मरीजों को फीवर क्लीनिक रैफर कर रहे हैं। जिसके कारण कोरोना संक्रमण से भयभीत लोग अब घर पर ही इसकी लक्षणों की जांच की सामग्री ला रहे हैं। जिसकी वजह से बाजार में ऑक्सीमीटर, पैरासिटामॉल व एलर्जी के टैबलेट की मांग बढ़ गई है। मेडिकल व्यवसायी केके गुप्ता ने बताया तीन महीने पहले ऑक्सीमीटर बाजार में बहुत कम मिल रहे थे। तब इसकी कीमत 1500 से 1800 हुआ करती थी। अब बाजार में चाइना और भारत में बने ऑक्सीमीटर आ गए हैं। एक ऑक्सीमीटर 800-900 रु. में बिक रहा है।
कहां-कितने मरीज व मौतें
जिला पॉजिटिव मृतक
खरगोन 3175 41
खंडवा 1472 33
बुरहानपुर 700 25
बड़वानी 1765 20
नोट : जानकारी सभी जिलों के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kRLd8p September 27, 2020 at 05:29AM https://ift.tt/1PKwoAf
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