राहुल गांधी मानते हैं कि उन्हें राजनीति के लेबल में नहीं बांधा जाना चाहिए। राजनीति उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, मगर उनकी और भी रुचियां हैं। वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा मानती हैं कि राहुल का यह स्टैंड कि कांग्रेस का अध्यक्ष अब किसी गैर-गांधी को होना चाहिए, बिल्कुल सही है।
गांधी परिवार की विरासत के इन दो उत्तराधिकारियों के मन की यह बातें पिछले हफ्ते ही में प्रकाशित किताब ‘इंडिया टुमारो : कन्वर्सेशन विद द नेक्स्ट जेनरेशन ऑफ पॉलिटिकल लीडर्स’ में सामने आई हैं। किताब का आधिकारिक विमोचन गुरुवार को मुंबई में होगा। किताब के पहले लेखक प्रो. प्रदीप छिब्बर यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले में पढ़ाते हैं तो दूसरे हर्ष शाह इसी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।
इस किताब में प्रियंका और राहुल के साथ अरविंद केजरीवाल, सचिन पायलट, अखिलेश यादव समेत करीब 20 ऐसे भारतीय नेताओं के इंटरव्यू हैं, जिनकी उम्र 50 से कम है। दैनिक भास्कर के साथ इन लेखकद्वय ने गांधी परिवार की युवा पीढ़ी से बातचीत के अपने अनुभव साझा किए। निजी जीवन के विरोधाभासों का खुलासा करने में उन्होंने इंटरव्यू में परहेज नहीं किया।
पति पर आरोप लगे, बेटे को कागज दिखा सच्चाई बताई
बचपन के दिनों के बारे में प्रियंका ने इंटरव्यू में कहा कि पिता के पीएम बनने के बाद हमारा दोस्तों से मिलना-जुलना न के बराबर हो गया। तब मैं 14 और राहुल 12 वर्ष के थे। राहुल शांत है और मुझे बहुत गुस्सा आता था।
विदेश में बिना सिक्योरिटी के ज्यादा निजता मिलती है
राहुल ने विदेश जाकर छुट्टियां मनाने के आरोपों पर कहा- भारत से बाहर रहता हूं तो बिना सिक्योरिटी के निजता मिलती है। इस समय को विभिन्न संस्कृति को समझने में गुजारता हूं।
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