अमेरिका में 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए तीन चौथाई मतदाता डाक के जरिए वोट दे सकते हैं। द न्यूयॉर्क टाइम्स के एनालिसिस के मुताबिक, ऐसे करीब 8 करोड़ वोटर्स हैं। ये अमेरिकी इतिहास में सबसे ज्यादा और 2016 की तुलना में दोगुने हैं। दरअसल, कोरोनावायरस संक्रमण के डर को देखते हुए ज्यादातर राज्यों ने डाक से वोटिंग की तैयारियां कर ली हैं। चुनाव में 100 से भी कम दिन बचे हैं। ऐसे में जानते हैं कि प्रचार किस लेवल पर है और स्थिति क्या है...
1. उम्मीदवारों की स्थिति
पिछले एक महीने में 32 सर्वे के नतीजे, सबमें ट्रम्प से आगे निकले बाइडेन
12 जुलाई से 12 अगस्त के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अलग-अलग करीब 32 सर्वे के नतीजे आए हैं। इनमें से सभी में बाइडेन को ट्रम्प पर बढ़त मिली है। हालांकि, इनमें से आधे सर्वे में दोनों के बीच का अंतर 5% या कम है। राष्ट्रीय औसत में बाइडेन को 51% वोट, जबकि ट्रम्प को सिर्फ 41%, यानी बाइडेन से 10% कम मिले।
- डेमोक्रेट समर्थकों में से 91% बाइडेन के साथ हैं, वहीं रिपब्लिकन में से 87% ट्रम्प के साथ।
- ट्रम्प ने उन्हें पिछड़ा बताने वाले सभी सर्वे को फर्जी बताते हुए कहा है कि वे इस बार भी जीतेंगे।
2. फंड रेजिंग
दो माह में पहली बार ट्रम्प को ज्यादा चंदा
महीना | ट्रम्प | बाइडेन |
जून | 982 करोड़ रु. | 1057 करोड़ रु. |
जुलाई | 1237 करोड़ रु. | 1050 करोड़ रु. |
3. चुनाव प्रचार
- टीवी विज्ञापनों पर ट्रम्प 1085 करोड़, तो बाइडेन करीब 1650 करोड़ रुपए खर्च करेंगे।
- सितंबर में 15 राज्यों में बाइडेन के चुनाव प्रचार के लिए 2100 करोड़ रुपए का रिजर्व फंड रखा है। इनमें से 1650 करोड़ टीवी विज्ञापन और 450 करोड़ डिजिटल विज्ञापनों पर खर्च होंगे।
- ट्रम्प के टीवी पर प्रचार अभियान के लिए 1085 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उनकी टीम ने इसके अलावा ऑनलाइन और अन्य खर्च की जानकारी नहीं दी है।
4. आगे क्या ?
अगले दो महीनों में ट्रम्प और बाइडेन के बीच 3 प्रेसिडेंशियल बहस होंगी
- कमीशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट (सीपीडी) के कार्यक्रम के मुताबिक अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रम्प और बाइडेन के बीच प्रेसिडेंशियल डिबेट होगी।
- पहली बहस 29 सितंबर को ओहियो के क्लीवलैंड में होगी।
- दूसरी बहस 15 अक्टूबर को फ्लोरिडा के मियामी में होगी।
- तीसरी बहस 22 अक्टूबर को टेनेसी में होगी। सभी बहस 90 मिनट की होंगी। व्हाइट हाउस पूल नेटवर्क बिना किसी विज्ञापन के इसका सीधा प्रसारण करेगा।
उपराष्ट्रपति: 100 साल में ताकतवर हुई भूमिका, डिक चेनी और बाइडेन सबसे प्रभावी
अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच होने वाली बहस 7 अक्टूबर को होगी। डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को इस पद के लिए चुना है। पिछले 100 साल में यह पोस्ट दुनिया की दूसरा ताकतवर पोस्ट बनने का सफर तय कर चुकी है।
- राष्ट्रपति की मौत, पद छोड़ने या हटाए जाने पर उपराष्ट्रपति ही पहला दावेदार होता है। कांग्रेस के ज्वाइंट सेशन की अध्यक्षता भी करता है।
- 1804 में की गई व्यवस्था के मुताबिक, उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के साथ ही अप्रत्यक्ष रूप से इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए 4 साल के लिए चुना जाता है।
- 250 साल में 14 उपराष्ट्रपति ही अमेरिकी राष्ट्रपति बने हैं।
- 9/11 हमले के वक्त डिक चेनी उपराष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने फैसले उनकी सलाह पर ही लिए। हमलों के बाद सख्त नियम उन्हीं की देन है। सद्दाम के खात्मे, सीरिया व अफगानिस्तान में भी बड़ा किरदार निभाया था।
- आतंकी ओसामा बिन लादेन के खात्मे के वक्त बाइडेन उपराष्ट्रपति थे। सुरक्षा सलाहकार के साथ रणनीति बनाने में अहम भूमिका रही।
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