सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से देश में डिप्रेशन को लेकर बहस और चर्चा चल रही है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर डिप्रेशन है क्या? इसके लक्षण कैसे होते हैं? यदि कोई डिप्रेशन में है तो कैसे पता चलेगा? डिप्रेशन जोन के बारे में कोई बात क्यों नहीं करता है?
ऐसे तमाम सवाल हैं, जो हर किसी के जेहन में रोज आते हैं, बार-बार आते हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि डिप्रेशन को पहचानना बहुत आसान है, बस लोग इसके बारे में बात नहीं करना चाहते हैं। इसलिए आज हम डिप्रेशन जोन के बारे में बता रहे हैं, ताकि आप इसके बारे में सबकुछ आसानी से समझ जाएं। इसे पहचान सकें।
एक बार में और एक खबर में। आपके हर सवाल का जवाब दे रहीं हैं, साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर डॉक्टर निशा खन्ना।
- आइए डिप्रेशन को सवालों और जवाबों के जरिए समझते हैं...
डिप्रेशन के बारे में क्यों जानना जरूरी है?
- डॉक्टर निशा कहती हैं कि डिप्रेशन जोन में रहने वाले इंसान का मूड लो होता है, उसके दिमाग में हमेशा निगेटिव बातें ही चलती हैं। उसे फ्यूचर में कुछ भी पॉजिटिव नहीं दिखाई देता है। इसलिए डिप्रेशन के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि जब तक आप इसके बारे में जानेंगे नहीं, तब तक इससे बाहर नहीं निकल पाएंगे।
- जब हमारे दिमाग में निगेटिव थॉट चल रहे होते हैं, तो हर बात में प्रॉब्लम दिखाई देती है। कहीं कोई सॉल्यूशन नजर ही नहीं आता। हर काम बुरा लगता है, हर व्यक्ति में कमी दिखाई देती है। सॉल्यूशन या अच्छाई की तरफ हमारा दिमाग जाता ही नहीं। वहीं, जब आप पॉजिटिव होते हैं तो आपको हर काम में सॉल्यूशन नजर आता है, हर व्यक्ति में आप को कुछ अच्छाई जरूर नजर आती है। आप मुश्किलों को हल करने के लिए रास्ते ढूंढ़ते हैं। अच्छी चीजों के बारे में सोचते हैं।
- डॉक्टर निशा के मुताबिक, डिप्रेशन में निगेटिविटी के सिंपटम्स आने के चलते व्यक्ति घोर निराशावादी हो जाता है, उसे अपनी जिंदगी का आगे कोई बेहतर भविष्य नजर नहीं आता है। कई बार उसे लगता है कि उसके इर्द-गिर्द रहने वाले लोग उसकी बातों को नहीं समझ सकते हैं। कोई भी व्यक्ति उसके बारे में कुछ अच्छा नहीं सोचता है। उसका कोई अपना नहीं है। हर कोई उसके बारे में निगेटिव ही सोचता है। हर कोई उसमें कमी निकालता है।
डिप्रेशन में रहने वाला व्यक्ति किस तरह की हरकत कर सकता है?
- डॉक्टर निशा कहती हैं कि डिप्रेशन जोन में रहने वाले लोग कभी किसी पर विश्वास नहीं करते हैं।
- हमेशा दूसरों के व्यवहार के बारे में ही सोचते रहते हैं। उसके बारे में कमी ढूंढते हैं।
- डिप्रेशन में रहने वाले यह भी सोचते हैं कि लोग क्या कहेंगे? इसलिए भी ऐसे लोग किसी से अपनी कोई बात शेयर नहीं करते हैं।
अगली स्टोरी में कल पढ़िए, डिप्रेशन का सॉल्यूशन और इलाज क्या है....
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