सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू यादव को चारा घोटाला केस में मिली जमानत पर नोटिस जारी किया है। कोर्ट में उनकी जमानत पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने याचिका दायर की थी। कोर्ट ने नोटिस जारी कर लालू यादव से जवाब मांगा है। कोर्ट ने मूल याचिका के साथ CBI की इस याचिका को भी शामिल किया है।
CBI ने झारखंड हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर चुनौती दी है, जिसमें लालू यादव को जमानत पर रिहाई मिली। लालू को झारखंड हाईकोर्ट ने दुमका और चाईबासा कोषागार मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन चारा घोटाले के एक अन्य मामले में दोषी करार दिए जाने के चलते लालू फिलहाल जेल में हैं।
लालू परिवार पर लैंड-फॉर-जॉब स्कैम केस
लालू परिवार पर रेलवे में लैंड फॉर जॉब स्कैम का भी केस चल रहा है, जिसमें
CBI की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी और
राज्यसभा सांसद मीसा भारती को जमानत दी। वे 15 मार्च को स्पेशल कोर्ट के
सामने पेश हुए थे। इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग की ED भी जांच कर रही है,
जिसने दिल्ली में लालू की सांसद बेटी मीसा से 25 मार्च को घंटों पूछताछ भी
की। Deputy CM तेजस्वी यादव से भी एजेंसी इस मामले में पूछताछ कर चुकी है।
एजेंसी ने पिछले दिनों लालू परिवार के खिलाफ छापेमारी भी की।
1 करोड़ कैश जब्त, 600 करोड़ का घोटाला
ED ने छापेमारी के बाद एक करोड़ रुपए कैश जब्त करने और 600 करोड़ रुपए के
घोटाले का दावा किया। एजेंसी फंड के इन्वेस्टमेंट और लालू परिवार द्वारा
पैसे को किस-किस सेक्टर में खपाया गया, इसकी खोज में है। एजेंसी का कहना है
कि लालू यादव ने यूपीए के पहले कार्यकाल में रेल मंत्री रहते, कथित रूप से
इस घोटाले को अंजाम दिया था। 2004-09 के दौरान बड़ी संख्या में लोग रेलवे
के अलग-अलग जोन के लिए ग्रुप-डी कैटगरी में भर्ती किए गए थे।
इसके लिए उन लोगों ने कथित रूप से लालू परिवार को जमीनें दी थी। केस में एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी भी शामिल है।
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