सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मामले में दाखिल हिंदू पक्ष की याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। ये सभी याचिकाएं वाराणसी की एक अदालत में दायर की गई थी। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 21 अप्रैल को होगी।
21 अप्रैल को होगी सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश D. Y. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति P. S. नरसिम्हा और
न्यायमूर्ति J. B. पारदीवाला की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील विष्णु जैन ने बेंच को बताया कि ज्ञानवापी
मस्जिद को लेकर कई याचिकाएं दाखिल हैं। ये सभी याचिकाएं वाराणसी की एक
अदालत में दायर की गई है और जिला न्यायाधीश इस मामले पर पांच बार फैसला टाल
चुकी है। वकील विष्णु जैन की दलील सुनने के बाद CJI ने कहा कि इस मामले पर
21 अप्रैल को सुनवाई करेंगे।
पांच बार टाला जा चुका फैसला
पिछले साल 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने क्षेत्र की सुरक्षा अगले आदेश तक
बढ़ा दी थी, जहां वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एक 'शिवलिंग' पाए
जाने का दावा किया गया था। इसमें हिंदू पक्षकारों को वाराणसी जिला
न्यायाधीश के समक्ष एक आवेदन दायर करने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया
मस्जिद समिति की अपील पर हिंदू पक्षकारों को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब
दाखिल करने का भी निर्देश दिया था।
17 मई, 2022 को हुई थी सुनवाई
पिछले साल 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित
करने का निर्देश देते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया। हालांकि, मस्जिद
समिति ने दावा किया कि वह क्षेत्र 'वजूखाना' जलाशय में पानी के फव्वारे का
एक हिस्सा थी।
हिंदू पक्ष ने की ये मांग
पिछले साल 17 मई के अपने पहले के आदेश में, सुप्रीम कोर्ट ने दावा किए गए
'शिवलिंग' के आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा का निर्देश दिया था, साथ ही
मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति भी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अंतरिम आदेश तब तक लागू रहेगा जब तक कि जिला न्यायाधीश द्वारा मुकदमे की स्थिरता का फैसला नहीं किया जाता है। वाराणसी के जिला न्यायाधीश अब मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों की दैनिक पूजा की अनुमति मांगने वाली महिलाओं के एक समूह की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर में दो बंद तहखानों का भी सर्वेक्षण कराने की मांग की है।
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