मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हुए महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने मामले को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने याचिका में गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताया है. साथ ही जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है. प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता को 23 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था.
लाइव लॉ के अनुसार, याचिका में कहा गया है, ‘वे पहले नहीं है, जिसे निशाना बनाया गया है. यह देशभर में चिंतित करने वाला ट्रेंड है, जहां सत्ता में बैठी पार्टी की तरफ से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है.’ मलिक ने मामले में तत्काल रिहाई की मांग की है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि गिरफ्तारी को गैर-कानूनी घोषित किया जाए और मामला रद्द किया जाए.
पांच बार के विधायक मलिक को ईडी ने 23 फरवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. ईडी ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खिलाफ 3 फरवरी को दर्ज NIA की FIR के आधर पर यह कार्रवाई की थी. मलिक के खिलाफ रिमांड में ईडी ने आरोप लगाए थे कि मलिक ने डी-गैंग के सदस्य- हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर कुर्ला में मुनिरा प्लंबर की पैतृक संपत्ति हड़पने की आपराधिक साजिश रची. इस संपत्ति की मौजूदा कीमत 300 करोड़ रुपये है.
ईडी ने आरोप लगाए कि मलिक का पहले ही स्थल पर मौजूद ‘कुर्ला जनरल स्टोर’ पर कब्जा है. इसके बाद उन्होंने सॉलिडस इन्वेस्टेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड पर नियंत्रण किया और स्थल पर किरायदार बन गए. बाद में मलिक ने डी-गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल कर जगह खरीदने की कोशिश की. प्लंबर का कहना है कि उन्होंने केवल अतिक्रमण हटाने के लिए PoA का इस्तेमाल किया था और बिक्री के लिए नहीं
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