सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म 'Why I Killed Gandhi' की स्ट्रीमिंग पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में हाईकोर्ट में अपील करने की छूट दी है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी (Justice Indira Banerjee) और जस्टिस जेके माहेश्वरी (Justice JK Maheshwari) की बेंच ने यह आदेश दिया।
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि फिल्म (Why I Killed Gandhi) गांधी की नकारात्मक छवि पेश करती है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार का हनन नहीं हुआ है, इसलिए हम अनुच्छेद 32 के तहत सुनवाई नहीं कर सकते, आप हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
महात्मा गांधी और गोडसे पर बनी फिल्म 'Why I Killed Gandhi' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी नहीं मिली है, इसके बावजूद इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस फिल्म में महात्मा गांधी की छवि खराब करने की कोशिश की गई है। साथ ही उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को भी फिल्म में महिमामंडित किया गया है। अगर फिल्म ओटीटी पर रिलीज हुई तो यह सिर्फ नफरत फैलाएगी।
उनका यह भी कहना है कि फिल्म से समाज की शांति भंग करने की कोशिश की जा रही है। इसलिए इसकी रिलीज पर तुरंत रोक लगा दी जाये। याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म के 2 मिनट 20 सेकेंड के ट्रेलर में भारत के विभाजन और पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के लिए महात्मा गांधी को दोषी ठहराने का प्रयास किया गया है। इतना ही नहीं फिल्म में महात्मा गांधी की हत्या को जायज ठहराने की भी कोशिश की गई है।
सोशल मीडिया बोल्ड है। सोशल मीडिया युवा है। सोशल मीडिया सवाल उठाता है। सोशल मीडिया एक जवाब से संतुष्ट नहीं है। सोशल मीडिया बड़ी तस्वीर देखता है। सोशल मीडिया हर विवरण में रुचि रखता है। सोशल मीडिया उत्सुक है। सोशल मीडिया फ्री है। सोशल मीडिया अपूरणीय है। लेकिन कभी अप्रासंगिक नहीं। सोशल मीडिया तुम हो। (समाचार एजेंसी की भाषा से इनपुट के साथ) अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो इसे एक दोस्त के साथ शेयर करें! हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं। हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉर्पोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक रूप से मदद करें !
0 Comments