समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के पत्रकार सज्जाद अहमद डार को इस हफ्ते की शुरुआत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो कथित तौर पर अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में ब्रिटेन में रह रहे कश्मीरी व्यक्ति के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
श्रीनगरः भारत की संप्रभुता, अखंडता और एकता विरोधी गतिविधियों में कथित तौर पर संलिप्त रहने को लेकर बांदीपोरा जिले से एक पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है.
श्रीनगर में एक समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ (The Kashmir Walla) के लिए काम करने वाले पत्रकार सज्जाद अहमद डार को बीते पांच जनवरी को गिरफ्तार किया गया था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार पत्रकार के संस्थान ने बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के परिवार का वीडियो कथित तौर पर अपलोड करने के आरोप में पत्रकार को गिरफ्तार किया गया है.
पत्रकार की रिहाई की मांग के बीच उनकी गिरफ्तारी को लेकर जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन के खिलाफ नेताओं से लेकर मीडिया वर्ग तक में रोष है.
पत्रकार के संस्थान का कहना है कि उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा के रहने वाले सज्जाद गुल को सबसे पहले सेना ने गिरफ्तार किया और उसके बाद पांच जनवरी को पुलिस को सौंप दिया.
गुल पर आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश रचने), 153बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कथन या दावा) और 505(2) (सार्वजनिक उपद्रव के लिए जिम्मेदार बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया.
मीडिया संस्थान ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में बताया, ‘गुल ने लश्कर-ए-तैयबा कमांडर सलीम पर्रे की मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो पोस्ट किया था. पर्रे की तीन जनवरी को श्रीनगर में मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई थी. उनकी मौत के बाद उनके गृहनगर हाजिन में कई छोटे-मोटे प्रदर्शन और नारेबाजी हुई थी.’
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने जारी बयान में कहा, ‘सज्जाद गुल ने एक आपत्तिजनक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें कुछ महिलाओं द्वारा राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की जा रही थी. ये नारेबाजी उसी दिन की गई, जब श्रीनगर में एक मोस्ट वांटेंड आतंकी को मारा गया था.’
उन्होंने कहा, ‘गुल दरअसल पत्रकारिता की आड़ में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये दुष्प्रचार और गलत नैरेटिव फैलाने के आदि हैं, ताकि आम जन को हिंसा के लिए उकसाकर और सार्वजनिक शांति भंग कर सरकार के खिलाफ दुर्भावना पैदा की जा सके.’
बयान में कहा गया, ‘उनकी सभी गतिविधियां भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ हैं इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह पुलिस रिमांड पर हैं.’
इस बयान में गुल के खिलाफ दो अन्य एफआईआर का भी विवरण दिया गया है.
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मानवाधिकारों पर रिपोर्टिंग करने को लेकर कश्मीरी पत्रकारों पर मामला दर्ज कर कानूनों को भी सांप्रदायिक कर दिया गया है, जबकि देश में मुस्लिमों का नरसंहार करने वाले खुलेआम घूम रहे हैं.
There is a different set of laws applicable to J&K vis a vis rest of India. Radicalised groups openly calling for genocide of muslims are roaming free while Kashmiri journalists shining a light on state sponsored human rights violations are jailed. Laws too have been communalised https://t.co/tQRtnnQRCD
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) January 8, 2022
‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फहद शाह ने गुल की तुरंत रिहाई की मांग करते हुए ट्वीट कर कहा, ‘मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं और जोर देता हूं कि पत्रकारिता का अपराधीकरण नहीं किया जाना चाहिए. हमारी लीगल टीम उनकी जल्द से जल्द रिहाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है.’
वहीं, कश्मीर प्रेस क्लब (केपीसी) के अध्यक्ष शुजा उल हक ने कहा, ‘सज्जाद जैसे हजारों पत्रकार ग्राउंड रिपोर्ट करते हैं और इस तरह की कठिनाइयों का सामना करते हैं. हमें उम्मीद है कि इस मामले में प्रसासन संज्ञान लेगा.’
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने भी गुल की गिरफ्तारी पर चिंता जताई.
सोशल मीडिया पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को लेकर ब्रिटेन में रह रहे कश्मीरी पर केस दर्ज
इधर, सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को लेकर ब्रिटेन में रहने वाले कश्मीरी मूल के व्यक्ति के खिलाफ श्रीनगर में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी.
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि श्रीनगर में एक अधिवक्ता ने मुजम्मिल अयूब ठाकुर नामक कश्मीरी शख्स पर सार्वजनिक रूप से और सोशल मीडिया पर धमकी देने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
प्रवक्ता ने बताया, ‘छह जनवरी को पुलिस थाना कोठीबाग को पता चला कि मुजम्मिल अयूब ठाकुर अपने सोशल मीडिया अकाउंट और अन्य प्लेटफॉर्म के जरिये देश की संप्रभुता, अखंडता और एकता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में संलिप्त हैं.’
उन्होंने बताया कि वर्ल्ड कश्मीरी फ्रीडम मूवमेंट के प्रमुख ठाकुर लोगों के बीच डर पैदा कर रहे हैं और जन व्यवस्था में खलल डालने वाली गतिविधियों के लिए लोगों को भड़का रहे हैं.
उन्होंने बताया कि इसके अलावा अधिवक्ता सईद जीशान ने श्रीनगर पुलिस थाने में मुजम्मिल और अन्य के खिलाफ एक उपयुक्त शिकायत दर्ज कराई है.
सोशल मीडिया बोल्ड है।
सोशल मीडिया युवा है।
सोशल मीडिया सवाल उठाता है।
सोशल मीडिया एक जवाब से संतुष्ट नहीं है।
सोशल मीडिया बड़ी तस्वीर देखता है।
सोशल मीडिया हर विवरण में रुचि रखता है।
सोशल मीडिया उत्सुक है।
सोशल मीडिया फ्री है।
सोशल मीडिया अपूरणीय है।
लेकिन कभी अप्रासंगिक नहीं।
सोशल मीडिया तुम हो।
(समाचार एजेंसी की भाषा से इनपुट के साथ)
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