26 जनवरी को राजपथ पर बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार लोक अदालत को दर्शाने वाली एक झांकी का प्रदर्शन हुआ।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने झांकी का विषय ‘‘एक मुट्ठी आसमान: लोक अदालत’’ रखा था। झांकी के आगे के हिस्से में ‘न्याय सबके लिए’ का विषय दिखाया है। साथ ही हाथ की मुद्रा को प्रदर्शित किया गया है, जो निडरता, गारंटी और सुरक्षा का संकेत है।
झांकी के पिछले हिस्से पर एक हाथ को एक-एक करके अपनी पांच उंगलियों को खोलते दिखाया गया, जिससे लोक अदालतों के पांच मार्गदर्शक सिद्धांतों - सभी के लिए सुलभ, निश्चित, किफायती, न्यायसंगत और समय पर न्याय, को दर्शाया गया है।
लोक अदालत, अदालत के बाहर सुलह की भावना से कानूनी विवादों को हल करने के लिए वैकल्पिक विवाद समाधान का एक अभिनव और एक लोकप्रिय तंत्र है। यह कम से कम समय में विवादों को निपटाने के लिए एक सरल और अनौपचारिक प्रक्रिया का पालन करता है।
लोक अदालत का आदेश या अधिनिर्णय अंतिम और गैर-अपील योग्य होता है। वर्ष 2021 में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालतों के दौरान 1,27,87,329 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
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