कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में 125 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की और विशेष रूप से 50 महिला प्रत्याशियों के नामों का उल्लेख किया. कुछ महीने पहले ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान शुरू करते हुए प्रियंका गांधी ने घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने 125 उम्मीदवारों की पहली सूची बृहस्पतिवार को जारी की, जिसमें 40 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं. पार्टी ने उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़िता की मां को भी टिकट दिया है. इनमें से अधिकांश महिलाएं पहली बार चुनाव मैदान में उतरेंगी.
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की और विशेष रूप से 50 महिला उम्मीदवारों के नामों का उल्लेख किया.
कुछ महीने (अक्टूबर 2021) पहले ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान आरंभ करते हुए प्रियंका गांधी ने घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी.
पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए जो पहली सूची जारी की है, उनमें पार्टी विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद के साथ ही सदफ जाफर और विभिन्न क्षेत्रों में संघर्षरत कई अन्य महिलाएं शामिल हैं.
उन्नाव से सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़िता की मां आशा सिंह को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस और प्रियंका गांधी वाद्रा ने इस मामले में न्याय की मांग जोर-शोर से उठाई थी और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा था.
उन्नाव से आशा सिंह को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘उन्नाव में जिनकी बेटी के साथ भाजपा ने अन्याय किया, अब वे न्याय का चेहरा बनेंगी- लड़ेंगी, जीतेंगी!’
राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘हम देश में एक बहुत बड़ा बदलाव ला रहे हैं और इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई है. हमने अपना वादा पूरा करते हुए 125 प्रत्याशियों की जो सूची जारी की, उसमें 50 महिला उम्मीदवार हैं. खास बात ये है कि इन उम्मीदवारों की सूची में वो लोग भी शामिल हैं, जिन्हे भाजपा सरकार के हाथों अन्याय मिला है, जैसे उन्नाव पीड़िता की मां (आशा सिंह) हैं.’
उनके मुताबिक, ‘इन उम्मीदवारों में एक महिला (पूनम पांडेय) हैं, जिन्होंने आशा बहनों पर भाजपा सरकार के होने वाले शोषण के खिलाफ आवाज उठा ई. निषाद समाज पर किए गए भाजपा सरकार के अत्याचारों के ख़िलाफ जिस महिला (अल्पना निषाद) ने सालों तक संघर्ष किया है, उन्हें भी टिकट दिया गया है. एक महिला (सदफ जाफर) हैं, जिन्होंने भाजपा के देश की एकता को तोड़ने वाले सीएए के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया. उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में भाजपा के गुंडों ने जिस महिला (रितु सिंह) पर अत्याचार किया था, वो भी इस इंसाफ के अभियान से जुड़ी हैं.’
उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए प्रियंका ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 125 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर रही है, जिसमें 50 महिलाएं हैं. हमने प्रयास किया है कि नयी राजनीति की कोशिश करने वाली महिलाओं को टिकट दिया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी उन्नाव की प्रत्याशी सामूहिक बलात्कार पीड़िता की माता आशा सिंह जी हैं. वह चुनाव लड़ना चाहती थीं. हमने उन्हें मौका दिया है.’
टिकट मिलने के बाद आशा सिंह ने पार्टी और प्रियंका गांधी का आभार प्रकट किया.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरे संघर्ष में और मेरी लड़ाई में मेरा साथ देने के लिए कांग्रेस पार्टी की आभारी हूं.मुझे उन्नाव सदर से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी का धन्यवाद.’
उन्नाव मामले में पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. पीड़िता के पिता की मौत के मामले में भी सेंगर को भी दोषी ठहराया गया था.
कांग्रेस विधायक दल की नेता और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी की पुत्री आराधना मिश्रा अपनी मौजूदा सीट रामपुर खास (प्रतापगढ़) से ही चुनाव लड़ रही हैं. लुईस को फर्रूखाबाद से, पंखुड़ी पाठक को नोएडा से, अल्पना निषाद को इलाहाबाद-दक्षिण से, पूनम पांडेय को शाहजहांपुर से और सदफ जाफर को लखनऊ-मध्य से उम्मीदवार बनाया गया है.
पूनम पांडे एक आशा कार्यकर्ता हैं. पिछले साल मानदेय में वृद्धि की मांग करते हुए पूनम अन्य आशा कार्यकर्ताओं के साथ कथित तौर पर पुलिस द्वारा उस वक्त मारपीट की शिकार हुई थीं, जब वे लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास की ओर मार्च कर रही थीं.
घटना का एक वीडियो तब वायरल हुआ था. बाद में पूनम, जिनके चेहरे पर चोट के निशान थे और दाहिने हाथ में प्लास्टर था, अन्य आशा कार्यकर्ताओं के साथ प्रियंका गांधी से मिलीं. कांग्रेस ने अब उन्हें शाहजहांपुर निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है.
वहीं कलाकार से कार्यकर्ता बनीं सदफ जाफर को 19 दिसंबर, 2019 को लखनऊ में उस वक्त गिरफ्तार किया गया था, जब वहसीएए-एनआरसी के विरोध में फेसबुक लाइव कर रही थीं. उन पर हत्या के प्रयास, दंगा, आपराधिक साजिश, लोक सेवक पर हमला आदि के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
वह उन कार्यकर्ताओं में भी थीं, जिनके पोस्टर यूपी सरकार द्वारा लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर लगाए गए थे, जिसमें उन्हें ‘दंगाई’ के रूप में वर्णित किया गया था. उन्हें सरकार का रिकवरी नोटिस भी मिला था, जिसमें उन्हें हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान संपत्ति के नुकसान के लिए भुगतान करने के लिए कहा गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रितु सिंह सपा की पूर्व कार्यकर्ता हैं. पिछले साल लखीमपुर खीरी जिले के पसगावां के ब्लाक प्रमुख पद के लिए वह सपा समर्थित प्रत्याशी थीं.
उन्होंने आरोप लगाया था कि उसके एक चुनावी प्रस्तावक के साथ पुरुषों के एक वर्ग ने मारपीट की ताकि नामांकन दाखिल करने के लिए उनके आवेदन को विफल किया जा सके.
उन्होंने कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं पर उनके समर्थकों को उनके प्रस्तावक बनने से रोकने के लिए उनके कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया था. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.
एक अन्य कांग्रेस उम्मीदवार उत्तराखंड की रहने वाली पंखुड़ी पाठक दिल्ली में पली-बढ़ी हैं. वह गौतम बुद्ध नगर से चुनाव मैदान में उतरेंगी. उनके माता-पिता डॉक्टर हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में पंखुड़ी डीयू के हंसराज कॉलेज में संयुक्त सचिव थीं.
बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं और इसके युवा संगठन के लिए काम किया. 2016 में वह पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता बनीं, लेकिन 2019 की शुरुआत में, पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मतभेदों के बाद उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे दिया.
सपा के प्रवक्ता रहे उनके पति अनिल यादव भी पिछले साल इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. पंखुड़ी वर्तमान में कांग्रेस के यूपी मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष हैं.
इन महिलाओं के अलावा कांग्रेस से जुड़े रहे संभल के एक परिवार में जन्मीं 36 वर्षीय निदा अहमद को भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है.
निदा ने करीब 12 साल पहले दिल्ली में पत्रकार के तौर पर काम करना शुरू किया था. टीवी एंकर निदा आज तक, ज़ी मीडिया, न्यूज़ इंडिया 24×7 सहित अन्य मीडिया संस्थानों का हिस्सा रही हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में वह कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. उन्हें संभल से टिकट दिया गया है.
मेरठ की हस्तिनापुर सीट (एससी-आरक्षित) से कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार 26 वर्षीय अभिनेत्री और मॉडल अर्चना गौतम हैं. वह हिंदी और तमिल फिल्मों का जाना-माना चेहरा हैं.
उन्होंने आईआईएमटी, मेरठ से पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातक किया है. वह पिछले साल लखनऊ में एक कार्यक्रम में कांग्रेस में शामिल हुई थीं.
अर्चना ने आईआईएमटी में पढ़ाई के दौरान 2014 में मिस यूपी का खिताब जीता था. उन्होंने 2018 में मिस बिकिनी इंडिया का खिताब जीता- इसी साल उन्होंने मिस कॉसमॉस वर्ल्ड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था और मिस टैलेंट का खिताब जीता था.
इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कुशीनगर की तमकुहीराज विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जहां से वर्तमान में वह विधायक भी हैं.
अलीगढ़ के कोल से विवेक बंसल, इलाहाबाद-उत्तर से अनुग्रह नारायण सिंह, मथुरा से प्रदीप माथुर, वाराणसी के पिंडरा से अजय राय और बाराबंकी की जैदपुर सीट से तनुज पूनिया चुनाव लड़ेंगे.
दिल्ली के निकट के उत्तर प्रदेश के कुछ विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी कांग्रेस ने कुछ उम्मीदवार घोषित किए हैं. नोएडा से पंखुड़ी पाठक के अलावा गौतब बुद्ध नगर की जेवर विधानसभा सीट से मनोज चौधरी और दादरी से दीपक चोटीवाला तथा गाजियाबाद से सुशांत गोयल एवं मुरादनगर से बृजेंद्र यादव को टिकट दिया गया है.
उम्मीदवारों के चयन में कांग्रेस ने सामाजिक संतुलन साधने की भी कोशिश की है. इसी कोशिश के तहत उसने मुस्लिम समुदाय से 20 लोगों को टिकट दिया है, जिनमें छह महिलाएं हैं.
अनुसूचित जाति समुदाय समुदाय से 32 उम्मीदवार और अनुसूचित जनजाति समुदाय से एक उम्मीदवार उतारा है. इसी तरह पार्टी ने 18 ब्राह्मण उम्मीदवार घोषित किए हैं और अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के 23 लोगों को टिकट दिया है.
महिलाओं को बड़ी संख्या में टिकट देने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हमने महिलाओं की बात शुरू की तो सभी पार्टियां घोषणाएं करने लगीं. भाजपा, सपा, रालोद, बसपा सबने घोषणाएं कीं. हमारी सफलता यही है कि अब महिलाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’
प्रियंका गांधी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में नकारात्मक नहीं, बल्कि सकारात्मक चुनाव प्रचार करेगी, ताकि राज्य के भविष्य को संवारा जा सके. उनका कहना था कि इस चुनाव के बाद भी वह उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करती रहेंगी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सात चरणों में होगा. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को और सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान सात मार्च को होगा. 10 मार्च को नतीजे घोषित होंगे.
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