बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को एक नोटिस जारी किया। इसके साथ ही अदालत ने मलिक को निर्देश दिया है कि वह एक शपथपत्र दाखिल करके बताएं कि ज्ञानदेव वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ बयानों के संबंध में अदालत के पूर्व के आदेशों का जानबूझ कर उल्लंघन करने पर कार्रवाई क्यों न की जाए। अदालत ने कहा कि जबकि इसके लिए आपने (नवाब मलिक) ने अदालत से कहा था कि आप ऐसा नहीं करेंगे।
ज्ञानदेव वानखेड़े नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के पिता हैं। मलिक आरोप लगाते रहे हैं कि समीर वानखेड़े मुस्लिम के रूप में पैदा हुए हैं, लेकिन उन्होंने अनुसूचित जाति का होने का दावा करते हुए केंद्र सरकार की नौकरी हासिल की है। उधर, वानखेड़े मलिक के इस आरोप का खंडन कर रहे हैं।
एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) नेता नवाब मलिक पिछले माह मुंबई में क्रूज पर ड्रग पार्टी को लेकर एनसीबी द्वारा मारे गए छापे व आर्यन खान समेत 20 लोगों की गिरफ्तारी के बाद से वानखेड़े पर लगातार आरोप लगा रहे हैं। आर्यन व कुछ अन्य को बाद में जमानत पर रिहा किया जा चुका है। कुछ दिनों पहले मलिक ने फिर एक आरोप लगाया था।
समीर वानखेड़े की मां के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर उठाए थे सवाल
मलिक ने कहा था कि वानखेड़े और उनके परिवार ने उनकी मां की 2015 में मृत्यु
के बाद दो मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए थे। एक प्रमाण पत्र में उनकी मां को
हिंदू तो दूसरे में मुस्लिम बताया गया। वानखेड़े की मां जाहिदा का निधन 16
अप्रैल 2015 को हुआ था। उन्हें मुंबई के ओशिवारा कब्रिस्तान में दफनाए जाने
का एक सर्टिफिकेट जारी हुआ, जिसमें उन्हें मुस्लिम बताया गया। इसके अगले
दिन जाहिदा के परिवारजनों ने एक और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, जिसमें
उन्हें हिंदू धर्म की बताया गया।
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