याचिकाओं की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकीलों के ना होने पर हाईकोर्ट ने नराजगी जताई है। याचिकाओं में केंद्र सरकार पक्षकार है। कोर्ट ने अपर सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिए है की अर्जी की सुनवाई के दौरान या तो वे खुद उपस्थित हो या फिर किसी वकील को नियुक्त करें।
न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की एकल पीठ एडवांस एजूकेशन सोसाइटी की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। समें केंद्र सरकार भी पक्षकार है। केंद्र सरकार की तरफ से कोई वकील पक्ष रखने के लिए उपस्थित नहीं था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची संस्था को अपना प्रत्यावेदन संबंधित विभाग को देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने अपर सॉलिसिटर जनरल भारत सरकार को निर्देश दिया की आने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान, जिनमें केंद्र सरकार भी पक्षकार है उसमे अपर सॉलिसिटर जनरल खुद हाजिर हों या फिर किसी वकील को नियुक्त करें।
DLED एजूकेशन स्पेशल कोर्स को मान्यता दिलाने को लेकर अर्जी दाखिल की गयी थी। याचिकर्ता की मने तो सब औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद संस्थान की तरफ से कोर्स की मान्यता नहीं दी गई। कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति के साथ संबंधित विभाग को अभ्यावेदन देकर विभाग को इस पर निर्णय लेने का निर्देश देने का निस्तारण किया है.
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(समाचार एजेंसी की भाषा से इनपुट के साथ)
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