हाईकोर्ट ने एक ऐसी महिला पर मुकदमा चलाने का रास्ता साफ कर दिया है जिसने खुद को गर्भवती करने का पुरुष पर झूठा इल्जाम लगाया और उससे शादी करने या पैसा देने का दबाव डाला। इससे परेशान पुरुष ने आत्महत्या कर ली थी।
महिला ने हाईकोर्ट में याचिका देकर अपने खिलाफ दायर केस रद्द करने की मांग की थी, केरल हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने निर्णय में कहा कि एक ओर महिला गर्भवती तक नहीं थी, फिर भी उसने पुरुष को शादी न करने या पैसा न देने पर घातक परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।
मृतक के अभिभावकों ने पुलिस को बताया था कि इन धमकियों की वजह से ही अप्रैल 2015 में उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली थी। हाईकोर्ट ने कहा, इस मामले में निचली अदालत में दायर चार्जशीट में नजर आता है कि याचिकाकर्ता महिला ने फर्जी आरोप लगाए थे।
ऐसी धमकी को नेकनीयती की तरह नहीं देखा जा सकता। न यह कोई ऐसा वार्तालाप है जो आपसी संबंध रखने वाले दो पक्षों में हो सकता है। बल्कि इससे याची के इरादे झलकते हैं। जो तथ्य सामने हैं, उन्हें देखने पर यह आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला ही लगता है।
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