सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की जेलों में बंद 41.55 फीसदी क़ैदियों ने दसवीं कक्षा से कम तक ही पढ़ाई की है. 6.31 फीसदी क़ैदी ग्रेजुएट और 1.68 प्रतिशत पोस्ट-ग्रेजुएट हैं.
ई दिल्ली: देश की जेलों में बंद 4,78,600 कैदियों में से 1,32,729 (27.37 फीसदी) अशिक्षित हैं जबकि 5,677 तकनीकी डिग्री या डिप्लोमा धारक हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा में यह जानकारी दी गई है.
हाल ही में संसद में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कैदियों से संबंधित आंकड़ा पेश किया था, जो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 31 दिसंबर 2019 तक अपडेट किए गए आंकड़ों पर आधारित था.
कैदियों के शिक्षा से संबंधित सरकारी डेटा के मुताबिक, जेलों में बंद 1,98872 (41.55 फीसदी) कैदियों ने दसवीं कक्षा से कम तक ही पढ़ाई की है जबकि 1,03,036 (21.52 फीसदी) ने दसवीं कक्षा से अधिक लेकिन स्नातक स्तर से कम की शिक्षा प्राप्त की है.
इसके मुताबिक, 30,201 (6.31 फीसदी) कैदी स्नातक डिग्री धारक हैं जबकि 8,085 (1.68 प्रतिशत) ने परा-स्नातक स्तर तक की शिक्षा प्राप्त की है.
आंकड़ों के मुताबिक, देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 1,01,297 कैदी हैं.
अमर उजाला के मुताबिक, डेटा के मुताबिक, देश की जेलों में बंद 4,78,600 में से 67 प्रतिशत से अधिक कैदी हिंदू हैं जबकि लगभग 18 प्रतिशत मुसलमान हैं.
राज्यों के और केंद्र शासित प्रदेश के लिहाज से उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 72,512 हिंदू और 27,459 मुसलमान कैदी जेलों में बंद थे. वहीं, पंजाब में सबसे अधिक 12,778 सिख, 1640 ईसाई और 915 ‘अन्य’ जेलों में कैद हैं.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच सबसे अधिक 1,01,297 कैदी (देशभर की जेलों में बंद कैदियों का 21.16 प्रतिशत) उत्तर प्रदेश में थे. मध्य प्रदेश में 44,603 और बिहार में 39,814 कैदी थे.
वैसे ही देशभर की जेलों में कुल 478,600 कैदियों में से 458,687 कैदी (95.83 फीसदी) पुरुष और 19,913 कैदी (4.16 फीसदी) महिलाएं हैं.
जेलों में बंद महिला कैदियों में 13,416 हिंदू, 3,162 मुसलमान, 721 सिख, 784 ईसाई और 261 ‘अन्य’ थीं.
बता दें बीते 10 फरवरी को गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राज्यसभा को बताया कि देश की जेलों में बंद 478,600 कैदियों में से 315,409 (कुल 65.90 फीसदी) कैदी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणियों के हैं.
आंकड़ों के अनुसार, ओबीसी, एससी और ‘अन्य’ श्रेणियों के कैदियों की अधिकतम संख्या उत्तर प्रदेश की जेलों में है, जबकि मध्य प्रदेश की जेलों में एसटी समुदाय की.
SOURCE ; THE WIRE
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(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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