करीब एक महीने बाद शहर की सफाई व्यवस्था पटरी पर आई थी। शनिवार काे इंस्टाग्राम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर की सफाई व्यवस्था की सराहना भी की लेकिन कुछ देर बाद ही शहर की सड़काें पर कचरा फेंका गया। वजह- नगर निगम ने करीब 400 सफाई संरक्षकों को तीन महीने 20 दिन का वेतन ही नहीं दिया।
इससे नाराज सफाई संरक्षक शनिवार को ट्रैक्टर-ट्राली और हाथ ठेलों में करीब 2 टन कचरा भरकर लाए और महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, दौलतगंज और चावड़ी बाजार की सड़कों पर बिखेर गए। लोग जब लोगों को सड़कों पर पड़े कचरे के ऊपर से ही गुजरना पड़ा। उधर, हड़ताल के कारण घर-घर से कचरा लेने की व्यवस्था भी पूरी तरह ठप हाे गई।
काॅलोनी-मोहल्लों में कचरा लेने वाली गाड़ियां नहीं पहुंचीं। अंतरराज्यीय बस स्टैंड के पास स्थित निगम की डिपो में हड़ताली कर्मचारियाें ने अन्य कर्मचारियों को काम नहीं करने दिया। कचरा गाड़ियां भी नहीं निकालने दी। हड़तालियों का कहना था कि पूरा वेतन मिलने के बाद ही काम पर लौटेंगे।
भास्कर पड़ताल: वेतन की फाइल अटकाने से ये नौबत
उपस्थिति- सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति वार्ड स्वास्थ्य अधिकारी के यहां से सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजी जाती है। ये लाेग इसे निगम में भेजने हैं लेकिन इसमें 10-15 दिन लगे हैं। ग्वालियर पूर्व विस के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी किशोर चौहान और ग्वालियर विधानसभा के अजय सिंह ने कहा कि हम हर हाल में 1 से 5 तारीख तक उपस्थिति का वेरिफिकेशन कर सामान्य प्रशासन विभाग को भेज देते हैं। जिन कर्मचारियाें का वेतन अटका है, उनकी उपस्थिति भी हमने समय पर भेज दी थी।
सामान्य प्रशासन विभाग- यहां उपस्थिति पत्रक आता है और यहां से लेखा शाखा में भेजा जाता है, लेकिन इसमें देरी हाेती है। अपर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि अभी वार्ड स्वास्थ्य अधिकारी समय पर उपस्थिति नहीं पहुंचाते हैं, जब उपस्थिति वहां से आती है ताे हम फाइल 3 से 4 दिन में अकाउंट को भेज देते हैं।
लेखा शाखा- फाइल मिलने के बाद चेक बनाकर राज सिक्युरिटी एजेंसी को भेजा, जाे आउटसाेर्स कर्मचारियाें के खाताें में वेतन डालता है लेकिन इसमें ही अिधक वक्त लगता है। लेखा शाखा अपना काम समय पर नहीं करती है और एजेंसी के लाेग भी वेतन अटकाए रहते हैं। अपर आयुक्त वित्त देवेंद्र पालिया ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
एक ही दिन में 1.11 कराेड़ कर्मचारियाें के खाताें में डाले: निगम अधिकारियों ने हड़ताल के बाद ईको ग्रीन कंपनी के कर्मचारियों की 10 अक्टूबर से 30 नवंबर तक का वेतन 27 लाख उनके बैंक खाताें में डाला। निगम में पहले से काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों के खाताें में नवंबर के वेतन के 84 लाख रुपए डाले गए हैं। इस तरह एक ही दिन में 1.11 करोड़ रुपए भुगतान किया गया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2JBSrjQ January 03, 2021 at 05:03AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments