जनकल्याण की भावना व मां नर्मदा को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र के पंढरपुर निवासी संतोषानंदजी महाराज ने एक माह पहले ओंकारेश्वर से नर्मदा परिक्रमा शुरू की। वे 72 किमी की दूरी तय कर बुधवार को यहां पहुंचे। श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया। 45 वर्षीय संतोषानंदजी की यह छठी यात्रा है। वे साष्टांग दंडवत करते हुए परिक्रमा पूरी करते है। बाल अवस्था से ही गुरु दीक्षा लेकर सन्यासी हुए महाराजश्री पूरी यात्रा में 3500 किमी की दूरी तय करेंगे। दंडवत करने से पहले वे चाक से निशान लगाते हैं। इसके बाद आगे बढ़ते है। रोजाना सुबह से 2 किलोमीटर दंडवत यात्रा करते है। दोपहर में यात्रा को विराम देते है। उन्होंने बताया नर्मदाजी की स्वच्छता, पूरे देश की समृद्धि व विकास की यात्रा का उद्देश्य है।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3oYZ66H December 17, 2020 at 05:23AM https://ift.tt/1PKwoAf
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