मुनाफे में चल रही बिजली कंपनी को निजी हाथों में सौंपे जाने की केंद्र सरकार की योजना के खिलाफ कंपनी के ही क्लास वन अधिकारी भी विरोध में आ गए हैं। प्रदेशभर के इंजीनियर रविवार को पोलोग्राउंड स्थित बिजली कंपनी के मुख्यालय में एकट्ठा हुए और तय किया कि पहले चरण में मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस योजना के खिलाफ असहमति जाहिर की जाए। कंपनी निजी हाथों में सौंपने के पहले भी गंभीर परिणाम सामने आ चुके हैं। प्रयोग बतौर उज्जैन को सौंपा गया था। वहां सप्लाई चौपट करके कंपनी भाग गई थी।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बिजली इंजीनियर्स के बैनर तले हुई बैठक में भोपाल से फोरम के संयोजक वीकेएस परिहार, सिटी सर्कल के अधीक्षण यंत्री कामेश श्रीवास्तव, ग्रामीण सर्कल के डीएन शर्मा सहित तमाम प्रमुख इंजीनियरों ने कहा- केंद्र ने देशभर की उन कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने का मसौदा राज्य सरकार को भेजा है जो मुनाफे में चल रही हैं। प्रदेश में केवल पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी फायदे में चल रही है।
जबकि केंद्र सरकार को घाटे में चल रहीं कंपनियों के बारे में विचार करना चाहिए। महज एक रुपए में अरबों, खरबों की संपत्ति निजी हाथों में देने का सबसे बड़ा खामियाजा उपभोक्ता को ही भुगतना होगा। निजी कंपनी बिल वसूली असामाजिक तत्वों से करवाएगी। बिल जारी करने में भी मनमानी करेगी। जोन पर बैठे इंजीनियर जनता के प्रति जवाबदार होते हैं। इस प्रस्ताव को खारिज करने चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37yWJ4G December 21, 2020 at 05:13AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments