कागजी दस्तावेजों के आधार पर स्वच्छता में अच्छी रैंक पाने वाले शाजापुर शहर की हकीकत कुछ इससे बिलकुल उलट है। यहां हर चौराहों पर गंदगी व कचरे के ढेर लगे हैं।
रिकाॅर्ड में एक भी कचरा पाइंट नहीं होने के बाद भी मुख्य मार्ग से लेकर बीच शहर में कई जगह कचरा पेटी रखकर नपा ने ही अघोषित कचरा पाइंट बना डाले। यहीं रखी गई कचरा पेटियों को खाली करने पर भी नपा का ध्यान नहीं है। ज्ञात रहे शहर की सफाई व्यवस्था पर हर माह नगर पालिका 30 लाख रुपए खर्च करती है। इसमें करीब 17-18 लाख रुपए तो सिर्फ डोर टू डोर कचरा संग्रहण के नाम पर ही हजम हो जाते हैं।
बावजूद इसके शहर की सफाई व्यवस्था दिनों दिन ध्वस्त हो रही है। ऐसे में 19 वाहनों से हर दिन कचरा संग्रहण कर ट्रेचिंग ग्राउंड पहुंचाने का नपा का दावा भी खोखला साबित हो रहा है। कई जगह नालियां चौक होने के कारण नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगा है। बावजूद नपा के अधिकारियों को इस तरफ बिलकुल ध्यान नहीं है।
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