कोरोना संक्रमण के चलते जिला अस्पताल के नेत्र विभाग को कोविड सेंटर में तब्दील कर दिया गया। मई में बदली गई यह व्यवस्था अब भी बरकरार है। ऐसा होने से जिला अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन होना बंद हो गए हैं, हालांकि आंखों की जांच के लिए नई ओपीडी में व्यवस्था शुरू कराई गई, लेकिन ओटी पूरी तरह से बंद हो गई।
जिससे अब तक ऑपरेशन शुरू नहीं हो सके हैं। वर्तमान में कोरोना के केस बढ़ने के बाद कम हुए दोबारा केस आना शुरू हुए, मगर बावजूद नेत्र रोग विभाग की ओटी चालू नहीं हो पाई है। ऐसे में आंखों का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को या तो निजी अस्पताल या फिर दूसरे जिलों में जाकर ऑपरेशन कराना पड़ रहा है।
अलग अलग शुल्क वसूलते हैं डॉक्टर: जानकारी अनुसार निजी अस्पतालों के डॉक्टर अपनी मनमर्जी से अलग अलग शुल्क ऑपरेशन सुविधाओं आदि के नाम पर वसूलते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति इन निजी अस्पतालों में नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में मजबूरन उन्हें सरकारी अस्पताल पहुंचना पड़ता है लेकिन वहां सुविधा नहीं मिल पा रही है।
दूसरे जिलों में जाकर निजी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं मरीज
बजरिया वार्ड नंबर 1 निवासी सुरेंद्र राठौर ने बताया कि उनके रिश्तेदार महिला की आंख का ऑपरेशन होना था जिला अस्पताल में ऑपरेशन बंद होने पर प्राइवेट अस्पतालों में पता किया तो ऑपरेशन का खर्च 20 से 25 हजार रुपए बताया जा रहा था। लेकिन इतना खर्च वहन नहीं कर सकने पर चित्रकूट जाकर ऑपरेशन कराया गया जहां कम शुल्क में ऑपरेशन हो गया। इसी तरह ग्रामीण अंचलों के मरीज दूसरे जिलो में जाकर ऑपरेशन करा रहे हैं।
ठंड के सीजन में ज्यादा होते हैं ऑपरेशन
बता दें कि नेत्र से जुड़ी समस्या के ऑपरेशन ठंड के सीजन में ज्यादा होते हैं। इन दिनों पिछले सालों में जिला अस्पताल में ऑपरेशन शुरू हो जाते थे। हर साल करीब 1000 से 1500 मरीजों के ऑपरेशन ओटी में ठंड के सीजन में होते थे। इस साल ठंड शुरू होने के बाद भी एक भी ऑपरेशन नहीं हुए हैं। हालांकि अधिकारी जल्द ही ओटी चालू कराने की बात कह रहे हैं।
लगभग 10 दिन में ओटी चालू करा दी जाएगी
नेत्र विभाग में प्री कोविड वार्ड बनाया गया था वहां टायलेट भी चोक हो रहा था जिसकी सफाई कराने के बाद सैनिटाइज कराया जाएगा। नेत्र विभाग के लिए ओटी सौंप दी जाएगी। लगभग 10 दिन में ओटी चालू हो जाएगी।
- डॉ. ममता तिमोरी, सिविल सर्जन
मैंने पत्र लिखा है स्वयं भी बात की है
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधा राय का कहना है कि अभी कोविड के मरीज वार्ड में भर्ती थे और टायलेट भी चोक है, जिसकी सफाई कराने सिविल सर्जन को पत्र लिखा है, मैंने स्वयं भी मिलकर चर्चा की है, इसके बाद सफाई का काम शुरू हो गया है। इस बीच कई मरीज आए हैं, लेकिन सुविधा न होने की वजह से आपरेशन नहीं हो पाए।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39GhSeI December 04, 2020 at 05:29AM https://ift.tt/1PKwoAf
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