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कलेक्टर ने राहत राशि की सूची अनुमोदित करके भेजी, बाबू ने हितग्राही से खर्च-पानी मांगा, ऑडियो वायरल

जिले में भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। विभागों में पदस्थ बाबू बिना खर्च पानी के कलम तक नहीं चला रहे हैं। ऐसा ही एक मामला आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ बाबू द्वारा रिश्वत मांगने का कारनामा सामने आया है। हितग्राही के खाते में राहत राशि पहुंचाने के लिए खर्चा-पानी की मांग की जा रही है। जिसका ऑडियो वायरल हुआ है। नहीं देने पर तीन माह से बजट के नहीं होने का हवाला दिया जाने लगा। वहीं इस ऑडियो को बाबू नकार रहे हैं।

कलेक्टोरेट में स्थित आदिम जाति विभाग में पदस्थ बाबू खातों में राशि जारी करने के बजाय हिताग्राही से खर्च पानी के रूप में रिश्वत की मांग कर रहे हैं। खिस्टोन गांव निवासी हितग्राही हरिराम अहिरवार ने बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग से विनीत श्रीवास्तव का फोन आया कि तुम्हें जो राहत राशि मिलनी है, वह मंजूर हो रही है। पहली किश्त के 75 हजार रुपए तुम्हारे खाते में पहुंच जाएंगे। इसके लिए तुम्हें खर्च पानी लगेगा। किसी का काम हो जाता है तो वह 5 से 10 तक दे जाता है। चार दिन में तुम्हारे खाते में राशि पहुंच जाएगी। हितग्राही हरिराम ने बताया कि रुपए नहीं दिए तो विभाग के चक्कर काटते रहे। विभाग द्वारा बजट नहीं होने का हवाला दिया जा रहा है।

22 हितग्राहियों के लिए स्वीकृत हुई 18 लाख 25 हजार की राशि
दरअसल एससी-एसटी सहित कई मामलों में हितग्राही को शासन द्वारा राहत राशि दी जाती है। जिले में 22 हितग्राहियों की राहत स्वीकृति समिति निवाड़ी द्वारा अनुमोदित सूची को कलेक्टर द्वारा चार माह पहले आदिम जाति विभाग में भेज दिया था। जहां से 22 हितग्राहियों को 18 लाख 25 हजार रुपए की राहत राशि उनके खातों में भेजी जानी है, लेकिन विभाग में बैठे बाबू खर्च पानी के एवज में हितग्राहियों को राशि उपलब्ध नहीं कर रहे हैं।

हिताग्राही पहले दे चुका 5 हजार, फोन करके फिर से मांगे रुपए
हितग्राही हरिराम ने बताया कि चार माह पहले विभाग में पदस्थ बाबू को पांच हजार रुपए दिए थे। इसके बाद राहत राशि जल्द ही जारी करने की बात कही गई थी। रुपए देने के एक माह बाद मुझे फोन करके फिर से खर्च पानी के एवज में रिश्वत की मांग की गई। हितग्राही का कहना है कि पांच हजार रुपए नगद चले गए, न मूल वापस किया न ही राहत राशि अब तक दी गई। ऐसे में राशि न देने के नाम पर गुमराह किया जा रहा है।

बाबू बोले- हमने न किसी से रिश्वत मांगी और न ही खर्च पानी
इस मामले में आदिम जाति कल्याण विभाग में पदस्थ विनीत श्रीवास्तव से बात की गई। तो उनका कहना है कि मैंने किसी भी हितग्राही से रुपए की मांग नहीं की है और न ही खर्च पानी मांगा है। हमारा ऑडियो नहीं है। विभाग में बजट नहीं होने से हितग्राहियों को राहत राशि नहीं दी जा रही है। जैसे ही बजट आएगा तो उन्हें दे दी जाएगी।

अगर ऑडियो वायरल हुआ है तो इसका वैरीफाई करना जरूरी है
अभी एक महीना हुआ है मैं अभी प्रभार में हूं। विभाग के बाबू का अगर ऑडियो वायरल हुआ है तो इसका वैरीफाई करना जरूरी है। वैसे अभी राहत राशि का बजट नहीं आया है। जैसे ही आएगा तुरंत ही हितग्राही को राशि भेज दी जाएगी। -
डॉ. अभिजीत सिंह, डिप्टी कलेक्टर, प्रभारी अदिम जाति कल्याण विभाग



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टीकमगढ़| आदिम जाति कल्याणा विभाग जहां बाबू काम के बदले खर्च पानी मांगे है।


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