अब तक आपने राजधानी में वीआईपी इलाके ही सुने होंगे, लेकिन यहां सड़कें भी आम और खास हैं। इन सड़कों का रखरखाव उनकी हैसियत के हिसाब से ही किया जाता है। यही वजह है कि शहर की खास सड़कों पर पेड़, पौधों व घास की कटाई-छंटाई के बाद व्यवस्थित तरीके से सफाई की जाती है, लेकिन आम सड़कों पर साफ-सफाई और कटाई-छंटाई नहीं होती। यदि की भी जाती है तो इन सड़कों पर धूल के ढेर वहीं छोड़ दिए जाते हैं। पौधों की छटांई के बाद उनकी टहनियां उठाई ही नहीं जाती। ऐसे नजारे शहर की दो सड़कों पर नजर आते हैं।
दृश्य-1- अनदेखी... चूनाभट्टी चौराहे से शाहपुरा की ओर
सड़क के सेंट्रल बर्ज में लगे कनेर के पेड़ों की छंटाई करीब दो हफ्ते पहले की गई है। इस दौरान निकली टहनियों को सेंट्रल बर्ज में ही छोड़ दिया, जो अब सूख चुकी हैं। हद तो ये है कि 6 महीने पहले की गई छंटाई की टहनियां भी इसी में पड़ी हैं।
इस सड़क के सेंट्रल वर्ज सीपीए के पास हैं। कोशिश ये है कि यह हमारे पास आ जाएं, ताकि लिंक रोड जैसा रखरखाव हो सके। -पवन सिंह, अपर आयुक्त, नगर निगम
दृश्य-2- रखरखाव...माता मंदिर चौराहे से सुभाष स्कूल
माता मंदिर स्थित निगम मुख्यालय के पास सड़क के सेंट्रल बर्ज में लगी घास एक कर्मचारी हाथ मशीन से काट रहा है। इनके पीछे एक युवक झाड़ू लेकर घास समेट रहा है। एक अन्य महिला इकट्ठी की गई घास को बोरी में भर रही है।
सेंट्रल वर्ज भले ही हमारे हैं, लेकिन छंटाई के बाद निकलने वाली टहनियां उठाने की जिम्मेदारी नगर निगम अमले की है।
-इरशाद कुरैशी, वनरक्षक, सीपीए
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37nYoc4 December 02, 2020 at 05:36AM https://ift.tt/1PKwoAf
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