प्रदेश के 1 लाख 80 हजार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को जल्दी ही बढ़ा हुआ मानदेय मिलेगा। राज्य सरकार कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा रही इन कार्यकर्ताओं के 1500 रुपए और सहायिकाओं के मानदेय में 750 रुपए की बढ़ोतरी करने जा रही है। इस बढ़े हुए मानदेय से हर साल 200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्चा आएगा। सरकार इस राशि का आगामी बजट में प्रावधान करने जा रही है, ताकि नए वित्तीय वर्ष में मानदेय में वृद्धि का लाभ दिया जा सके।
दरअसल, 2018 में राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय दोगुना कर दिया था। यानी मानदेय 5750 रुपए से बढ़कर 11500 रुपए हो गया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2019-20 के बजट में कार्यकर्ताओं के मानदेय में से 1500 रुपए की कमी कर दी और राशि का उपयोग नई भर्तियां किए जाने की घोषणा की थी, लेकिन वित्तीय वर्ष बीत जाने के बाद भी ये भर्तियां नहीं हुईं।
इसके बाद वर्तमान सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में वृद्धि किए जाने के बारे में तो सैद्धांतिक रूप से सहमत है, लेकिन कोविड-19 की वजह से वित्तीय स्थिति गड़बड़ाने से बढ़ी हुई राशि पर आने वाले खर्चे का प्रावधान आगामी बजट में करने को कहा है। ताकि, वित्तीय प्रावधान होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बढ़ा हुआ मानदेय अगले वित्तीय वर्ष में दिया जा सके। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान में आने वाले खर्च की 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार वहन करता है।
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