माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर सरकारी व निजी स्कूलों में नियमित कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। नियमित कक्षाओं में शिक्षक 10वीं एवं 12वीं के उन विषयों को प्राथमिकता से पढ़ा रहे हैं जो छात्र-छात्राओं के लिए कठिन हैं।
10वीं में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय को प्राथमिकता से विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। जबकि 12वीं कक्षा में कला संकाय में अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, साइंस में फिजिक्स-मैथ्स व कामर्स में एकाउंटेंसी विषय पढ़ाया जा रहा है। हालांकि शासन ने कोरोना काल के कारण कोर्स में 30 प्रतिशत की कटौती कर दी है। अब छात्र-छात्राओं को केवल 70 फीसदी कोर्स की पढ़ाई करके ही बोर्ड की परीक्षा देना है। शासकीय सूरजकुंड स्कूल में कक्षा 10वीं के शिक्षक राजेंद्र जलखरे ने बताया ऑनलाइन के साथ जब से विद्यार्थियों को ऑफलाइन मार्गदर्शन देने का काम शुरू हुआ। हमने कोर्स को लगभग 50 फीसदी से ज्यादा पूरा कर दिया लेकिन बोर्ड परीक्षा के कारण नियमित कक्षाएं शुरू होने पर दोबारा नए सिरे से प्रमुख विषयों की तैयारी करा रहे हैं ताकि कोई चैप्टर छूट न जाए। वहीं कक्षा 12वीं के फिजिक्स टीचर लालचंद ने बताया हमारे पास बोर्ड परीक्षा एवं उनके प्रेक्टिकल के लिहाज से समय कम है। फिर हमारा प्रयास है कि विद्यार्थियों को हर चैप्टर की तैयारी पूरी करा दें।
कोरोना का डर: स्कूलों में विद्याथी पहुंचे कम
इधर, स्कूलों में ज्यादा विद्यार्थियाें के नहीं पहुंचने की सबसे खास वजह बच्चाें के माता-पिता की काेराेना से बचाव के प्रति चिंता है। स्कूलों में सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं? मानीटरिंग कैसे हाेगी? इसके कारण दूसरे दिन भी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या कम ही रहीं।
रिविजन: 15 से पहले कोर्स पूरा करने पर जोर
बोर्ड परीक्षा के तहत 15 जनवरी से पहले 10वीं व 12वीं कक्षा के कोर्स को पूरा करने पर पूरा जोर है। 16 से स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं के लिए रिविजन क्लास शुरू होगी। क्योंकि फरवरी में प्रेक्टिकल के कारण कोर्स का रिविजन कराने का समय नहीं मिलेगा। बोर्ड की परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में सम्पन्न होगी।
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