चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की अपील व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल आह्वान का असर देखने को मिल रहा है। चायनीज झालर ने जहां दीयों की मांग में कमी ला दी थी, वहीं मिट्टी के दीयों की मांग में इस बार बढ़ोतरी देखी गई। दीपावली पर शनिवार को हाट बाजार में बड़ी संख्या में प्रजापत समाज के लोगों ने दुकान लगाई। इन दुकानों पर मिट्टी के दीयों के अलावा कलश, कुल्हड़ व मिट्टी के बने घोड़े बिक्री के लिए उपलब्ध थे।
इस बार गत वर्ष की तुलना में दाम बहुत बढ़े हुए थे। महेश प्रजापत ने बताया गत वर्ष दीया 70 पैसे का था जबकि इस बार यह 1 रुपए नग में बिक रहा है। छोटा कुल्हड़ गत वर्ष 5 रुपए नग में बिका था तो इस बार यह दोगुनी कीमत यानी 10 रुपए का एक बिक रहा है। आदिवासी लोग बाबा देव की पूजा कर उन्हें मिट्टी से बने घोड़े चढ़ाते हैं। ये छोटा घोड़ा 30 रुपए व बड़ा 50 रुपए नग में बेचा गया। बाजार में बड़ी संख्या में आए ग्रामीणों ने इनकी खरीदी की।
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