मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में एक युवक ने याचिका दायर करते हुए अपनी प्रेमिका को परिजनों की कैद से छुड़ाने की गुहार लगाई। पुलिस ने युवती को कोर्ट में पेश किया, जहां उसने बताया कि वह बालिग है और याचिकाकर्ता से प्रेम करती है। लेकिन परिवारजन तैयार नहीं हैं।
इस पर कोर्ट ने कहा- प्रकरण की वस्तुस्थिति को देखकर यह प्रतीत होता है कि युवती को उसके परिजनों ने बंदी बनाकर रखा है। जबकि वह बालिग है और कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे युवती की आयु सत्यापित करने के बाद जिस युवक के साथ वह रहना चाहती है, उसके सुपुर्द करें और उसकी जानकारी युवती के परिजनों को भी दें।
पड़ाव निवासी अभिषेक ने याचिका दायर करते हुए प्रेमिका के परिजनों पर उसे बंदी बनाने का आरोप लगाया। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह युवती को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें। युवती ने बताया कि याचिकाकर्ता से प्रेम करती है लेकिन धर्म अलग होने के कारण परिजन तैयार नहीं है। परिजनों ने उसे घर में कैद कर रखा है।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/39u8XNo November 30, 2020 at 05:31AM https://ift.tt/1PKwoAf
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