जिले में 2010 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल के तहत भर्ती हुए कर्मचारियों को चार माह से वेतन नहीं मिला है। कर्मचारियों ने मंगलवार को रैली निकालकर कलेक्टोरेट में शिकायत की है। कर्मचारी प्रेमलता मंडलोई, पिंकी यादव, कमलेश कुशवाह, संजय सोलंकी, महादेव आदि का आरोप है कि 10 साल से काम कर रहे हैं। दो बार संशोधन कर आउटसोर्स कर्मचारी बना दिया है। इसमें भी पूरा वेतन नहीं मिल रहा है। हमें अर्द्धकुशल कर्मचारी भी नहीं मान रहे हैं। यदि हमारी मांगें नहीं मानी तो धरना देंगे। उन्होंने बताया कि जिले के एसएनसीयू व एनआरसी में केयर टेकर, सफाई कर्मचारी, वार्ड बाॅय, आयाबाई, सुरक्षाकर्मी का काम कर रहे हैं। जिले में 40 सपोर्ट स्टॉफ को जून से सितंबर तक का वेतन नहीं मिला है। चार माह से उधार लेकर परिवार का पालन कर रहे हैं। हमें अब आगे वेतन नहीं मिलेगा तो हम दूसरा काम करें। जिससे परिवार का पालन तो कर सकेंगे। जिस दिन वेतन मिलेगा काम पर लौट आएंगे।
ठेकेदार ज्यादा ले रहे काम, नहीं तो हटाने की धमकी
कर्मचारियों ने बताया कि हमें आउटसोर्स कर्मचारी बना दिया है। इसमें केवल 5500 रुपए वेतन दिया जाता है। इसमें ठेकेदार ज्यादा घंटे काम लेता है। काम से निकालने की धमकी देता है। तत्कालीन मिशन संचालक छवि भारद्वाज ने आदेश जारी किया था। इसमें हमें कुशल, अर्द्धकुशल कर्मचारी मानकर वेतन देना था। जबकि हमें वेतन कम दिया जा रहा है।
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