चिंतामण गणेश मंदिर में मैरिज डेस्टिनेशन प्लान के काम चालू करने के लिए अब वर्किंग डिजाइन का इंतजार है। इसके लिए आरईएस के अधिकारियों ने ठेकेदार के साथ मौका मुआयना करने के बाद काम चालू करने की तैयारी कर ली है। संभावना है कि दो दिन में काम चालू हो सकता है।
चिंतामण गणेश मंदिर परिसर में मैरिज डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट पर 1.5 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। प्रशासन का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके धरातल पर आने के बाद यह मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं के लिए मैरिज डेस्टिनेशन के रूप में उपयोगी होगा। इस मंदिर की ख्याति मांगलिक कार्यों के लिए होने से यहां साल भर लोग बिना मुहूर्त की शादियां करने आते हैं। उनके लिए सुविधाएं जुटाई जाना है। इसमें मैरिज शेड, हवन कुंड, टायलेट्स, पेयजल और आवासीय रूम का निर्माण होना है।
पूरे काम की नई डीपीआर बनवाई और मंदिर समिति सदस्यों के सुझाव लिए
ठेकेदार और तत्कालीन ईई आरके श्रीवास्तव के बीच विवाद तथा ठेकेदार द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर श्रीवास्तव को निलंबित करने के बाद इस काम की बागडोर आरईएस के ईई अरुण जैन के हाथ में आ गई है। उन्होंने ठेकेदार को बुला कर मुआयना किया था।
जैन के अनुसार अब पूरे काम की नई डीपीआर बनवाई है, इसमें मंदिर समिति सदस्य आत्माराम गांधी, गणेश गुरु व शंकर गुरु के सुझाव शामिल किए हैं। सदस्यों ने कुछ कामों पर आपत्तियां ली हैं। मंदिर परिसर के आसपास बनने वाले परिक्रमा पथ पर टीन शेड की जगह कांक्रीट की छत डालने, मैरिज हॉल का डिजाइन बदलने व उसमें यज्ञ कुंड बनाने, भोजनशाला, परिसर में लैंड स्केपिंग व पेयजल, टॉयलेट्स, बिजली जैसी व्यवस्था सदस्य चाहते हैं। जैन के अनुसार ठेकेदार को नई ड्राइंग डिजाइन और डीपीआर दी जा रही है।
इसके आधार पर नए सिरे से काम शुरू होगा। ठेकेदार अचल अग्रवाल के अनुसार अभी इंजीनियरिंग ड्राइंग मिली है। वर्किंग डिजाइन नहीं मिली। वर्किंग डिजाइन मिलने के बाद काम शुरू होगा।
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