कटनी
भारत एक लोकतांत्रिक देश है सूचना का अधिकार अधिनियम हर नागरिक को सूचना
प्राप्त करने का अधिकार देता है लोक सूचना अधिकारी को अधिकार नहीं है कि वह
आवेदक से सूचना मांगने का कारण पूछे धारा 6(2) इसी प्रकार कोई सूचना
जनहित में है तो धारा 8 में मना की गई सूचना भी दी जा सकती है. परंतु
शासकीय कन्या महाविद्यालय कटनी के लोग सूचना अधिकारी द्वारा किस प्रकार से
एक आरटीआई आवेदक को वक्तव्य किया जा रहा है की "लड़ाई के पहले मौका देना
चाहते हैं सोच लीजिएगा ,, इस वीडियो को सुनें. इससे स्पष्ट है कि किस
प्रकार से लोक सूचना अधिकारी सूचना मांगने पर सूचना के अधिकार को विच्छेदन
करते हैं, इसका कारण यह है कि आवेदन करता उसी संस्था का एक कर्मचारी है
जिसे लोक सूचना अधिकारी के द्वारा दबाव देने जैसा प्रमाणित होता है भारत का
नागरिक होने के नाते उसे भी सूचना प्राप्त करने का अधिकार है अनऑफिशियल
के रूप में एंटी करप्शन इंडिया का सदस्य दर्शाते हुए लोक सूचना अधिकारी
प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय कटनी को आवेदन पेश किया है. परंतु लोक
सूचना अधिकारी के द्वारा यह कहा जाना लड़ाई के पहले मौका देना चाहते हैं
जरा सोच लीजिएगा,, यह शब्द एक आरटीआई आवेदक को धमकी भरे शब्द महसूस महसूस
कराए जा रहे हैं जो भारत के संविधान के अधिनियम पर प्रहार किए जाने का
उदाहरण परिलक्षित होता है. क्या ऐसे लोक सूचना अधिकारियों पर कार्यवाही
नहीं होनी चाहिए अपना अभिमत जरूर कमेंट के द्वारा जाहिर करें. इस प्रकार
का व्यवहार किसी भी आरटीआई आवेदक पर नहीं होना चाहिए क्योंकि भारत के हर
नागरिक को सूचना प्राप्त करने का अधिकार है . हालांकि यदि कोई लोक सूचना
अधिकारी जानकारी नहीं देता है तो धारा 19( 1)के तहत प्रथम अपील करने का
अधिकार प्राप्त है. किसी भी लोक सूचना अधिकारी को आरटीआई कार्यकर्ता आवेदन
करता को भयभीत करने डराने या धमकाने का कोई अधिकार अधिनियम में अधिकार नहीं
देता है .!
आरटीआई लगाने पर प्राचार्य शासकीय कन्या महाविद्यालय कटनी के द्वारा सोच लेने की धमकी दी गई !
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