कोरोना संक्रमण के कारण हज यात्रा-2020 स्थगित होने पर भोपाल समेत मध्यप्रदेश से जाने वाले 4864 हज यात्रियों को हज कमेटी ने 90 करोड़ रुपए लौटा दिए हैं। यह सभी यात्री मध्यप्रदेश राज्य हज कमेटी के माध्यम से हज यात्रा पर जाने वाले थे। इसके लिए प्रत्येक यात्री ने दो किश्त में दो लाख एक हजार रुपए हज कमेटी में जमा कराए थे। यह राशि विमान किराए समेत मक्का और मदीना के आवासीय एवं अन्य खर्च की थी।
कोरोनाकाल के कारण राशि मिलने में 3 माह की देरी
भारत सरकार ने भी 1 लाख 23 हजार हज यात्रियों के 2100 करोड़ रुपए बिना किसी कटौती के वापस कर दिए हैं। हालांकि कई हज यात्री राशि वापस नहीं लेना चाहते थे, उनकी मंशा थी कि वर्ष 2021 में होने वाले हज में उनका चयन कर लिया जाए। उनकी राशि अग्रिम तौर पर कमेटी में जमा रखी जाए, लेकिन नियम में ऐसा कोई प्रावधान नहीं होने पर राशि लौटाई गई है।
कोरोना के कारण ही करीब तीन माह का विलंब भी हुआ, क्योंकि हज कमेटी ऑफ इंडिया (मुंबई) का दफ्तर अभी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहा है। ऐसी ही स्थिति वहां बैंकों की भी होने से इसे राशि वापस करने में हुई देरी का कारण बताया गया है। ये पहला अवसर था जब कोरोना के कारण हज यात्रा रोकी गई। अब नवंबर में हज यात्रा 2021 के लिए तैयारियां शुरू होगी। संकेत है कि नवंबर अंत में आवेदन बुलाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
सभी के बैंक खातों में पहुंची रकम
राज्य हज कमेटी के कार्यपालन अधिकारी दाऊद अहमद खान ने बताया कि अब किसी हज यात्री का पैसा कमेटी पर बकाया नहीं है।
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