रबी फसल की सिंचाई से पहले यूरिया की डिमांड पूरी करने अधिकारियों ने पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है। खरीफ फसल के खराब होने से परेशान किसानों को अब रबी फसल में खाद की कमी न आए, इसको लेकर प्रशासन ने मुख्यालय स्तर पर कोशिशें शुरू कर दी।
यही वजह है कि शुक्रवार को उज्जैन को मिली दो में से एक रैक ऐन वक्त पर शाजापुर को मिल गई। हालांकि मांग की तुलना में भी जिले में आधा यूरिया भी नहीं मिल सका है।
जिले में रबी फसल के करीब पौने 3 लाख हेक्टेयर को देखते हुए कृषि विभाग ने 35 हजार टन यूरिया की डिमांड तैयार की। इसकी तुलना में एक सप्ताह पहले तक जिले में 6 हजार टन ही मिल सका। इधर, रबी का सीजन भी शुरू हो गया और कई किसानों ने बोवनी भी कर दी। अब पहली ही सिंचाई में उन्हें यूरिया की जरूरत पड़ेगी।
इसको देखते हुए कृषि विभाग ने जिला प्रशासन के माध्यम से यूरिया आपूर्ति के लिए एप्रोच लगाना शुरू की और एक ही सप्ताह में दो रैक मिली गई। तीन दिन पहले
मिली रैक के बाद शुक्रवार को उज्जैन जिले को मिलने वाली रैक भी अधिकारियों के प्रयास से शाजापुर जिले को मिल गई। इन दो रैक यूरिया मिलने के बाद जिले में अब तक करीब 9 हजार टन यूरिया का आपूर्ति हो चुकी है।
2650 में से 1650 टन शाजापुर को मिला
शुक्रवार को आई 2650 टन की रैक में से शाजापुर को 1650 टन यूरिया मिला है। शेष एक हजार टन में से 90% आगर जिले व 10% सारंगपुर भेजा है। कई बार पचोर तरफ से खाद शुजालपुर तरफ भेजा जाता है। इस कारण शाजापुर से सारंगपुर क्षेत्र को यूरिया उपलब्ध कराया जाता है।
यूरिया आपूर्ति के लिए प्रयास चल रहे हैं
यूरिया की आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास चल रहे हैं। एक सप्ताह में दो रैक मिलने के बाद अगले सप्ताह में दो रैक और बुक हो चुकी है। किसान धैर्य रखंे। मांग के अनुरूप जिले में खाद की पर्याप्त आपूर्ति की जाएगी।
- आर.पी.एस. नायक, उप संचालक कृषि शाजापुर
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