खासगी ट्रस्ट के अधीन लगभग 250 साल पुरानी परिसंपत्तियां अब शासन देखरेख करेगा। इनका निर्माण देवीश्री अहिल्याबाई होलकर के जमाने में हुआ था। इनमें किला, घाट, छतरियां, कुएं, बावड़ी आदि शामिल है। गुरुवार दोपहर 12.50 बजे मंडलेश्वर एसडीएम संघप्रिय ने महेश्वर स्थित राजबाड़ा पहुंचकर ट्रस्ट डीड में उल्लेखित परिसंपत्तियों का कब्जा लिया। 10 मिनट में प्रक्रिया पूरी कर कलेक्टर को प्रतिवेदन भेज दिया। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने खासगी ट्रस्ट को देखभाल के लिए मिली देश के 26 राज्यों की 250 संपत्तियों को बेचने को गलत मानते हुए सौदे शून्य करने व शासन को कब्जे में लेने के आदेश दिए थे। कब्जे की प्रक्रिया पूरी करने के बाद एसडीएम ने ट्रस्ट के स्थानीय प्रबंधक संजय रावत से यहां चल रहे कामों की जानकारी भी ली।
सदस्यीय दल करेगा भौतिक सत्यापन
एसडीएम ने बताया 102 संपत्तियों का भौतिक सत्यापन करवाना है। इसके लिए नायब तहसीलदार सहित 5 लोगों का दल बनाया गया है। यह दल संपत्तियों की वर्तमान स्थिति व सुधार की जरूरत की जानकारी देगा। होटल अहिल्या फोर्ट के जीएम रोहित सिंह से एसडीएम ने कहा यह अब शासन के अधीन है। ट्रस्ट का कोई लेना-देना नहीं है। आपका ट्रस्ट से क्या रिलेशन था। इसके डॉक्यूमेंट व लीज एग्रीमेंट उपलब्ध करवाएं।
ये हैं हालात
प्रबंधक रावत ने बताया वर्तमान में देवी अहिल्याबाई की राजगादी, राजवाड़ा परिसर व किला परिसर दर्शनार्थियों के लिए बंद है। होटल अहिल्या फोर्ट की बुकिंग भी बंद है। लिंगार्चन पूजा भी 11 की जगह 2 ब्राह्मण ही करवा रहे हैं। अहिल्या फोर्ट, हेरिटेज होटल, रेवा सोसायटी व अन्य छोटी दुकानें ट्रस्ट ने किराए पर दी है।
अब आगे क्या
एसडीएम ने कहा इसका स्वरूप बदलेगा। अब यह शासन तय करेगा कि यह कैसे चलेगा। किरायेदारों व अन्य लोगों से राशि का उपयोग कहां होता है इसकी लिखित जानकारी भी मांगी गई।
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