एक सप्ताह में दो आदेश जारी होने से नगर परिषद के सीएमओ पद को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। पिछले दिनों कोर्ट ने प्रदेशभर की नगर निकाय में प्रभारी सीएमओ का काम देख रहे 50 से ज्यादा लेखापाल को मूल पद पर भेजने के लिए कहा था। इसमें सीएमओ प्रियंक पंड्या को मूल पद पर भेजने के आदेश हुए थे। उनकी जगह करही में पदस्थ सीएमओ संजय रावल का तबादला किया है।
उन्होंने पदभार संभाला ही था कि पंड्या कोर्ट से आदेश पर स्थगन ले आईं। शनिवार को स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि यहां सीएमओ का प्रभार किसके पास रहेगा। 11 जनवरी को नप का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से नगर विकास की गति पिछड़ गई है। कुछ नए काम प्रस्तावित हुए लेकिन वह अधर में लटके हैं। सीएमओ पद का आदेश मिलने के बाद एक सप्ताह तक डिजीटल हस्ताक्षर व प्रशासनिक स्वीकृति के लिए इंतजार करना पड़ता है। सीएमओ के हस्ताक्षर के अभाव में सरकारी काम समय पर नहीं हो पाते हैं।
^प्रदेशभर के 50 से अधिक प्रभारी तत्कालीन सीएमओ को दोबारा उसी पद पर बने रहने के लिए कोर्ट से आदेश जारी हुए हैं। विभागीय आदेश का इंतजार है। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में दोबारा पदभार संभालेंगे।
-प्रियंक पंड्या
^शासन ने 1 सप्ताह पहले सीएमओ का दायित्व सौंपा था। विभागीय आदेश का पालन होगा। क्योंकि विभाग ने ही नियुक्ति संबंधित आदेश जारी किए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के आगामी आदेश के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
-संजय रावल
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