सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में विद्यार्थी भी नहीं पहुंच रहे जबकि कक्षाओं की क्षमता 40 है। इधर मोबाइल फोन व जरूरी डेटा नहीं होने से शत प्रतिशत विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। कोविड-19 के चलते सरकारी व निजी स्कूलों में शिक्षण कार्य बंद है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन द्वारा विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं। वर्तमान में निजी व सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अभिभावकों की अनुमति लेकर स्कूल में पढ़ने आने की अनुमति शासन ने दी हैं। अनुमति के बावजूद विद्यार्थी कम संख्या में स्कूल पहुंच रहे हैं। 10% तक की संख्या में विद्यार्थियों के स्कूल पहुंचने की चिंता स्कूल प्रबंधन को भी है।
इधर हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में सबसे बड़ी परेशानी ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर बनी हुई है। सरकारी स्कूलों में 70% विद्यार्थी गरीब वर्ग के हैं, ऐसे में एंड्रॉयड मोबाइल फोन नहीं होने से वे ऑनलाइन पढ़ाई में शामिल नहीं हो पा रहे, जो पढ़ना चाह रहे हैं वे ऐप में तकनीकी समस्या के चलते शामिल हो पा रहे। प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलें बंद होने से हमारा घर हमारा विद्यालय के तहत शिक्षक बच्चों को पढ़ाने घर-घर पहुंच रहे हैं। वहीं डीजी एप के माध्यम से टीवी, रेडियो पर भी शिक्षण कार्य कराया जा रहा है।
केंद्र सरकार की अनुमति... 15 अक्टूबर से क्षमता के साथ पढ़ाना बड़ी जिम्मेदारी
21 सितंबर से जहां 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को ही स्कूल बुलाकर पढ़ाने की अनुमति शासन से मिली है। वहीं केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने के आदेश जारी किए हैं। स्कूलों में पढ़ाई की तैयारियां भी शुरू हो गई है। अब केंद्र सरकार ने सभी स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है। हालांकि, यह छूट केवल नॉन-कंटेनमेंट जोन में आने वाले इलाकों के लिए दी गई है।
राज्य सरकार से अभी आदेश आना बाकी
फिलहाल केंद्र सरकार ने नर्सरी से 12वीं तक के स्कूल खोलने के आदेश जारी किए हैं। जिले में स्कूलों के आदेश मिलते हैं तो उसका पालन किया जाएगा।
पीएस सोलंकी, परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र
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