प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आईफा आयोजन को लेकर शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ आमने-सामने आ गए। चौहान बोले- मैं आईफा जैसे तमाशे पसंद नहीं करता। कोरोनासंकट में यह तर्क संगत नहीं। नाथ ने पलटवार करते हुए कहा- जिन्होंने 15 वर्ष तमाशा किया वो आईफा को तमाशा बता रहे हैं।
आईफा के नाम पर 4 करोड़ लिए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार के आईफा आयोजन पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं आईफा जैसे तमाशे को पंसद नहीं करता हूं। चौहान ने यहां गांधी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि मुझे तो पता चला है कि आईफा आयोजन के नाम पर कई उद्योगपतियों से राशि वसूली गई। खबर आई है कि आईफा के नाम पर चार करोड़ रुपए ले लिए गए, यह सब ठीक नहीं है। कोरोना संकटकाल में इस तरह के आयोजन तर्कसंगत नहीं हैं। इस समय लोग संकट में प्रदेश में कोरोना फैला हुआ है।
बजट में एक रुपया भी नहीं रखा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि क्या तमाशा है क्या नहीं, यह जनता तय करती है। शिवराज यह तय करने वाले कौन होते हैं। जिन्होंने 15 वर्ष सिर्फ तमाशा किया वो आईफा के आयोजन को तमाशा बता रहे हैं। शिवराज कभी कहते हैं कि आईफा के लिए हमारी सरकार ने बजट का आवंटन किया, जबकि आईफा के लिए एक रुपए का भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया। शिवराज के राज में प्रदेश की पहचान माफियाओ से थी, मिलावट खोरो से थी। उनको तो ऐसे आयोजन तमाशे ही लगेंगे। शिवराज इतना झूठ बोलते हैं कि झूठ भी शर्मा जाए।
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