STOCK MARKET UPDATE

Ticker

6/recent/ticker-posts

पश्चिमी सीमा पर गुजरात के नलिया एयरबेस में बनेगी तेजस की पहली स्क्वाड्रन, यहां 18 से ज्यादा फाइटर तैनात होंगे (ksm News}

https://ift.tt/31i4CIx

(डीडी वैष्णव) दुनिया के सबसे हल्के फाइटर जेट तेजस की पाकिस्तान से सटे पश्चिमी मोर्चे पर तैनाती गुजरात के नलिया और राजस्थान के फलौदी एयरबेस पर होगी। खास यह है कि पश्चिमी सीमा पर तेजस विमानों की पहली स्क्वाड्रन नलिया में बनेगी। एक स्क्वाड्रन में कम से कम 18 विमान होते हैं, मतलब 18 या इससे अधिक तेजस फाइटर जेट यहां तैनात किए जाएंगे।

एचएएल से एयरफोर्स 83 मार्क-1ए तेजस खरीदने जा रही है, जिनसे नई स्क्वाड्रन बनेंगी। पश्चिमी सीमा पर गुजरात के कच्छ के रण में स्थित नलिया और जोधपुर के फलौदी बड़े और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण एयरबेस हैं। तेजस को यहां तैनात करने की तैयारियां लंबे समय से चल रही हैं।

इसके लिए तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस से तेजस कई बार यहां आ चुके हैं और पश्चिमी हवाई सीमा पर उड़ान भर चुके हैं। नलिया व जैसलमेर में हाल में 6 से 7 तेजस विमानों का ट्रायल हो चुका हैं। जून में फलौदी एयरबेस पर भी ट्रायल किया गया था।

मिग श्रेणी के विमान फेज आउट होने से पश्चिमी सीमा पर संभावित खतरे को देखते हुए इस स्वदेशी विमान को तैनात किया जा रहा है। ज्यादातर तेजस विमान मिग श्रेणी के विमानों का ही स्थान लेंगे। हाल ही में 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से इसका ऐलान कर चुके हैं।

तेजस के तेज की खासियत

स्पीड : 1.6 मैक (आवाज की गति से डेढ़ गुना) 2200 किमी प्रति घंटा।
हल्का : 6560 किलो, दुनिया का सबसे हल्का।
क्षमता : 2458 किलो तक फ्यूल लेकर उड़ सकता है।
एप्रोच : 2300 किमी तक लगातार उड़ान।
हाइट : 50 हजार फीट उड़ाने की क्षमता।
हथियार : लेजर गाइडेड मिसाइल, इजराइल के हथियार।

मिग 21 से कई गुना बेहतर है तेजस लड़ाकू विमान

33 साल की लंबी यात्रा के बाद मिग 21 से तेजस कई गुना बेहतर जेट तैयार हुआ। तेजस आने के बाद भारत इंटरसेप्टर व कम दूरी के मिशन को पूरा कर रहा है। 1 जुलाई 2016 को बेंगलूरु में तेजस की पहली स्क्वाड्रन बनी। अभी तमिलनाडु के सुलूर में स्क्वाड्रन नंबर 45 (फ्लाइंग डेगर) में 8 तेजस तैनात हैं। इसी एयरबेस पर स्क्वाड्रन नंबर 18 में भी तेजस की तैनाती होगी।

नलिया एयरबेस का सामरिक दृष्टि से महत्व बहुत ज्यादा
नलिया एयरबेस से पाकिस्तान की हवाई दूरी महज 40 से 50 किमी है। ऐसे में यहां से हवा, जमीन के अलावा समुद्री सुरक्षा हो सकती है। पाकिस्तान के किसी भी हमले का त्वरित जवाब यहां से चंद मिनटों में दिया जा सकता है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
33 साल की लंबी यात्रा के बाद मिग 21 से तेजस कई गुना बेहतर जेट तैयार हुआ। तेजस आने के बाद भारत इंटरसेप्टर व कम दूरी के मिशन को पूरा कर रहा है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2EpoMaG
via IFTTT

Post a Comment

0 Comments

Custom Real-Time Chart Widget

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

market stocks NSC